➤हिमाचल में मूसलधार बारिश और भूस्खलन से तबाही
➤कालका-शिमला हाईवे और कई सड़कें बंद, यातायात बाधित
➤पंडोह डेम के पांचों गेट खुले, व्यास नदी में जलस्तर बढ़ा
समाचार फर्स्ट टीम
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शिमला, मंडी, सोलन, सिरमौर समेत कई जिलों में भूस्खलन, पेड़ गिरने और सड़कों के बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने सात जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

शिमला में चमियाना सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल जाने वाली सड़क पर मलबा गिरने से मार्ग बंद हो गया, जबकि भट्टाकुफर में गाड़ियों पर पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आईं। पंथाघाटी-जुंगा रोड पर लैंडस्लाइड के चलते दो वाहन मलबे में दब गए। इसी तरह सोलन जिले के चक्की मोड़ पर कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर शनिवार को हुए बड़े भूस्खलन ने यातायात रोक दिया। बड़ी चट्टानों और मलबे के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

हालांकि एनएचएआई और प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर एक साइड से यातायात आंशिक रूप से बहाल कर दिया है। मौके पर पुलिस तैनात है और यात्रियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदरनगर में सबसे ज्यादा 135 मिमी बारिश दर्ज की गई। सोलन के कसौली में 125, काहू में 119, सिरमौर के पांवटा साहिब में 116, सुंदरनगर में 96 और शिमला में 91 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। मौसम विभाग ने लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया है।
पंडोह डेम में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। मूसलधार बारिश के बाद ज्यूनी खड्ड और व्यास नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया। बीबीएमबी ने जानकारी दी कि डेम के पांचों स्पिलवे गेट खोल दिए गए हैं, जिससे व्यास नदी में करीब 44,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सिल्ट स्तर बढ़कर 4000 PPM तक पहुंचने के चलते डेहर पॉवर हाउस में विद्युत उत्पादन रोक दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन और बीबीएमबी ने लोगों से नदी किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मौसम और जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।



