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लाहौल की तिंदी पंचायत से दो गंभीर महिला मरीज एयरलिफ्ट, हेलिकॉप्टर से पहुंचाया अस्पताल

  • लाहौल घाटी की दुर्गम तिंदी पंचायत से दो महिला मरीजों को एयरलिफ्ट किया गया
  • विधायक अनुराधा राणा की पहल पर सरकार ने हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की
  • भारी बर्फबारी से सड़कें बाधित, मरीजों को भुंतर एयरपोर्ट पहुंचाकर अस्पताल रेफर किया गया

Airlifting Patients Amid Snowfall: हिमाचल प्रदेश की दुर्गम लाहौल घाटी में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और भारी बर्फबारी के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे मरीजों को सरकार द्वारा हेलिकॉप्टर के माध्यम से एयरलिफ्ट किया गया। शुक्रवार को तिंदी पंचायत की दो गंभीर महिला मरीजों को भुंतर एयरपोर्ट लाया गया, जहां से उन्हें क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया।

स्थानीय विधायक अनुराधा राणा ने इस मामले को सरकार के समक्ष रखा और एयरलिफ्टिंग की मांग की थी। उन्होंने बताया कि लाहौल की तिंदी पंचायत के बाड़ा गांव की 26 वर्षीय गर्भवती महिला तारा देवी की 15 मार्च को प्रसव तिथि निर्धारित थी। चिकित्सकों ने उनकी हालत को देखते हुए तत्काल रेफर करने की सिफारिश की थी।

इसके अलावा, कुठाड़ गांव की 60 वर्षीय महिला भी गंभीर रूप से बीमार थी और उसके कान से खून बह रहा था। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने उसे भी तत्काल घाटी से बाहर रेफर करने का निर्णय लिया, लेकिन बर्फबारी के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने से सड़क मार्ग से ले जाना संभव नहीं था।

विधायक अनुराधा राणा ने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से तिंदी पंचायत की प्रधान कमला देवी, पंचायत प्रतिनिधि प्यारे लाल शर्मा और राहुल ने भी मरीजों को एयरलिफ्ट करने की सिफारिश की थी। सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित निर्णय लिया और हेलिकॉप्टर भेजकर दोनों मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला।

लाहौल-स्पीति जिले में सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के चलते सड़क मार्ग ठप हो जाता है, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचाना चुनौती बन जाता है। ऐसे में एयरलिफ्टिंग ही एकमात्र विकल्प बचता है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

गौरतलब है कि लाहौल-स्पीति के दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में प्रशासन को अधिक तत्परता दिखाने की जरूरत है ताकि मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सके।