हिमाचल प्रदेश 1 जनवरी, 2019 के बाद पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों को आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (ईआरएसएस) के साथ एकीकृत करने वाला देश का पहला राज्य बनकर उभरा है. दिल्ली में हुए निर्भया प्रकरण के बाद 2017 में केंद्र द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद परिवहन विभाग ने वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण के लिए वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने वाला हिमाचल पहला राज्य बना है. हिमाचल प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है. हिमाचल प्रदेश के कमर्शियल वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाने से पुलिस सीधे मॉनिटरिंग कर सकेगी. इससे महिलाओं की सुरक्षा के साथ- साथ सड़क हादसों का भी तुरन्त पता चल जायेगा और तुरन्त सहायता पहुंचाई जा सकेगी. आपातकाल या छेड़छाड़ की स्थिति में डिवाइस कंट्रोल रूम से संपर्क स्थापित करके महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करेगी . 2019 से पहले वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के बारे में भी रास्ता निकाला जायेगा.
धर्मशाला, 20 मई: जिला निर्वाचन अधिकारी डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि निष्पक्ष तथा…
कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा के पक्ष में चम्बा जिले के सलूणी…
धर्मशाला, 20 मई: विद्युत उपमंडल-2 धर्मशाला के कार्यकारी सहायक अभियंता अभिषेक कटोच ने बताया कि…
देश में मम्प्स के मामले काफी बढ़ रहे हैं, जो कि एक चिंता का विषय…
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सातवें चरण में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है…
चुनावी मौसम में प्रदेश के पेंशनर्स ने भी अपनी मांगो को लेकर आवाज़ मुखर कर…