बिलासपुर के उपमंडल स्वारघाट के 5 गांव की जनता ने फैसला किया है कि इस बार वह आगामी लोकसभा चुनावों में अपने मत का प्रयोग नहीं करेंगे। गावं भटेड़ ,चिल्ट ,बेरिआला ,डडोह भटेड़ और कन्फारा के लोगो का कहना हैं की लगभग एक दशक बीत जाने के बाद भी उनके गांव को जाने वाली सड़क काफी बरसों से कच्ची है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में और आम दिनों में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है वहीं पर अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसको चारपाई पर लेटा कर हॉस्पिटल तक पहुंचाना पड़ता है। जिसका गांव के लोगों का सभी पार्टियों के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
ग्राम सुधार समिति, युवक मंडल भटेड़ और महिला मंडल भटेड़ के सदस्यों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में चाहे बीजेपी की सरकार ही हो या कांग्रेस की सरकार हो किसी ने भी आज तक उनकी सुध नहीं ली। इस गांव की सड़क आज भी कच्ची है। उन्होंने कहा कि वह PWD विभाग के दफ्तरों में चक्कर काटते आला अधिकारियों से मिलकर कई बार परेशानी से अवगत करवाया। लेकिन आज तक उनकी सड़क नहीं बन पाई।
गांव के लोगों का कहना है कि यहां पर जायदातर आबादी भाखड़ा डैम विस्थापितों की है लेकिन आजादी के 70 वर्ष के बाद भी इन गांव में सड़क के इलावा कोई औषधालय भी नहीं है और मुख्य सड़क से यह गांव दूरी पर पड़ते हैं। जिस कारण पिछली बरसात में भारी वर्षा के कारण समय पर इलाज ना होने के कारण इस क्षेत्र में 5 लोगों की मौत हुई है।
गांव वासियों का कहना है कि 38 परिवारों ने अपनी निजी भूमि के कागजात पत्र ततीमा सहित सड़क निर्माण हेतु PWD विभाग के नाम इंतकाल राजस्व बिभाग से जुलाई 2015 को करवा दिया गया है। लेकिन सभी दस्तावेज डीएफओ फारेस्ट विभाग और PWD विभाग के दफ्तरों में ही घूम रहे हैं लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द की सड़क का निर्माण किया जाए नहीं तो वह इस लोकस भा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे।