प्रदेश के जिला हमीरपुर के उपमंडल नादौन के तहत ग्राम पंचायत बदारन के टंग और बलोह गांव में मानखड्ड में क्रशर लगाने की अनुमति का सोमवार को जमकर विरोध हुआ. मिल्खी पेट्रोल पम्प से लेकर गांधी चौक से जिला मुख्यालय में पहुंच कर ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन करने के साथ ही प्रशासन को एक ज्ञापन पत्र भी सौंपा.
इस दौरान ग्रामीणों में अजमेर सिंह, दुम्मा राम, पुरुषोत्तम सिंह, विजय कुमार के अलावा बहुत से लोगों ने विरोध प्रदर्शन में किया. पर्यावरण समिति साई, बलोह, जसोह, लाहड़, बनोह व हथोल के सदस्य भी शामिल हुए. ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी सूरत मान खड्ड में क्रशर नहीं लगना चाहिए.
क्रशर लगने से उनकी जमीन को नुकसान होगा तथा ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ेगा. इससे पहले नादौन विधायक भी इसके विरोध में अपना ब्यान जारी कर चुके हैं. अब ग्रामीणों ने मोर्चा संभाल लिया है.
यहां तक की ग्रामीण इसके विरोध में आमरण अनशन तक करने को तैयार है. लोगों ने कहा है कि जलापूर्ति योजना जो 15 से अधिक गांवों की जरूरतों को पूरा करती हैं. उसी खड्ड से भी पानी लेती है और इसके साथ ही ब्लोह में स्टोन क्रशर को लगाने को लेकर कार्यवाही चल रही है.
वहीं, ग्रामीण बिट्टू का कहना है कि उनकी यहां पर काफी अधिक जमीन है. जमीन पर हरे भरे पेड़ पौधे लगे हुए हैं. यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. यहां साथ बहने वाली मानखड्ड में किसी को क्रशर लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. क्रशर लगाए जाने की जानकारी मिलने के उपरांत से ग्रामीण इसका विरोध जता रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि जहां पर क्रशर लगाने की अनुमति दी गई है. उससे महज 200 मीटर की दूरी पर गांव है. क्रशर लगने से जहां इनकी जमीनें प्रभावित होंगी. वहीं, इनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा. ग्रामीणों ने गांधी चौक पर प्रदर्शन कर सरकार से क्रशर लगाने की अनुमति वापस लेने की मांग की.
प्रशासन के माध्यम से भी सरकार को ज्ञापन सौंपकर इस निर्णय को वापस लेने के लिए कहा गया है. यदि क्रशर लगता है तो स्थानीय ग्रामीण आमरण अनशन पर भी बैठ सकते हैं, इसकी भी उन्होंने चेतावनी दे डाली है. ग्रामीणो ने कहा कि हमारे गांव टंग और बलोह गांव खड्ड के पास हैं. मवेशी चराना हमारे महत्वपूर्ण दैनिक कार्यों में एक है तथा यह केवल खड्ड के तट पर ही किया जाता है.
इसके साथ ही जलापूर्ति योजना जो पंद्रह से अधिक गांवों की जरूरतों को पूरा करती है, उसी खड्ड से पानी लिया गया है. इस खड्ड के तट पर मौसमी पौधों के लिए एचपीशिवा परियोजना का भी गर्व है. यदि स्टोन क्रशर लगा तो बागवानी को खत्म कर देगा. इसके साथ ही ग्रामीणों ने कई अन्य कारणों से भी इस क्रशर का विरोध जताया है.
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