➤ कोर्ट ने CBI की रिमांड बढ़ाने की मांग और पंकज की जमानत याचिका दोनों खारिज कीं
➤ पंकज पर सबूत छिपाने और छेड़छाड़ करने का आरोप, पेन ड्राइव मामले से खुला राज
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सीबीआई ने इस केस में पहली गिरफ्तारी करते हुए निलंबित ASI पंकज कुमार को गिरफ्तार किया था। सोमवार को कोर्ट ने पंकज को 26 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सीबीआई ने अदालत से पंकज का पांच दिन का पुलिस रिमांड बढ़ाने का आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया। वहीं, आरोपी पंकज के वकील ने उसकी जमानत याचिका लगाई, जिसे भी अदालत ने सख्ती से खारिज कर दिया। अब पंकज कुमार 26 सितंबर तक जेल में रहेंगे और उस दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।
जानकारी के अनुसार, पंकज पर इस केस से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ करने और उन्हें छिपाने का आरोप है। दरअसल, विमल नेगी की जेब से मिला पेन ड्राइव पंकज ने दबा दिया था। इसका खुलासा एक मछुआरे द्वारा बनाए गए वीडियो से हुआ था। यही वजह रही कि उसके खिलाफ सीबीआई ने गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
परिजनों का आरोप है कि विमल नेगी को कॉरपोरेशन के उच्च अधिकारियों ने लगातार प्रताड़ित किया, जिसकी वजह से यह घटनाक्रम हुआ। इस मामले ने प्रदेश में बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक तूफान खड़ा कर दिया है।
इस पूरे प्रकरण की टाइमलाइन देखें तो—
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10 मार्च को चीफ इंजीनियर विमल नेगी रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हुए।
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18 मार्च को उनका शव गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ।
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इसके बाद से परिजनों ने शव के साथ आंदोलन किया और उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।
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कई वरिष्ठ अफसरों को सस्पेंड और पद से हटाया गया।
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23 मई को हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया।
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और अब, 14 सितंबर को निलंबित ASI पंकज को गिरफ्तार किया गया, जिसे अब 26 सितंबर तक जेल भेज दिया गया है।
यह गिरफ्तारी मामले की गंभीरता और सीबीआई की पड़ताल को और गहराई देने वाली है। अब सबकी नजरें 26 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।



