<p>नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली को जानने के लिए शिमला के हिप्पा में पार्षदों के लिए 2 दिन का ट्रेनिंग केंप आज खत्म हुआ। एमसी पार्षदों की मांग पर आयोजित किए इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जहां निगम की मेयर कुसुम सदरेट अनूपस्थित रही वहीं करीब 14 वार्ड पार्षद भी नदारद रहे।</p>
<p>निगम की हर मासिक बैठक में कार्यशाला की मांग करने वाले कई पार्षद इस कार्यशाला से नदारद रहे। जिससे नदारद पार्षद एमसी की कार्यप्रणाली को जानने से चूक गए हैं। वहीं, 2 दिनों कर चले इस केंप पर निगम ने जनता के कुल मिलाकर करीब 85 हजार रूपये फूंक डाले हैं। </p>
<p>2 दिन के प्रशिक्षण के दौरान मौजूद डिप्टी मेयर समेत 20 पार्षदों ने जहां अपने अधिकार जाने वहीं, नगर निगम के कामकाज को जाना। अब सवाल यह उठता है की जब पार्षदों की मांग पर यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया तो फिर पार्षद अपनी जिम्मेदारी से क्यू भागे और शिमला की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद क्यूं किया गया।</p>
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