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पंचतत्व में विलीन हुए नामांश स्याल, नम आंखों के साथ सैन्य सम्मान से दी गई अंतिम विदाई

➤ शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल की पार्थिव देह कांगड़ा पहुंची
➤ पत्नी व परिवार एयरफोर्स विशेष विमान के साथ पहुंचे
➤ पैतृक गांव पटियालकड़ में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि


दुबई में शुक्रवार को एयर शो के दौरान भारतीय लड़ाकू विमान तेजस के क्रैश होने से पायलट और हिमाचल के वीर सपूत विंग कमांडर नमांश स्याल ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। रविवार को दोपहर लगभग एक बजे उनकी पार्थिव देह एयरफोर्स के विशेष विमान के माध्यम से गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंची। इस दौरान एयरफोर्स के जवानों द्वारा सैन्य प्रोटोकॉल के साथ तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को उतारा गया।

सबसे भावुक क्षण वह था जब शहीद की पत्नी और भारतीय वायुसेना में तैनात विंग कमांडर अफशां, एयरफोर्स की वर्दी में पति के पार्थिव शरीर के साथ उतरीं। उनके साथ शहीद के माता-पिता और बेटी भी मौजूद रहीं। एयरपोर्ट पर मौजूद हर आंख नम थी, लेकिन गर्व का भाव किसी भी पल कम नहीं हुआ।

एयरपोर्ट से तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को सेना के वाहन में उनके पैतृक गांव पटियालकड़ ले जाया गया, जहां हजारों की भीड़ एक झलक पाने के लिए मौजूद रही। भारत माता की जय, वंदे मातरम् और नमांश अमर रहें के नारों के बीच मोक्षधाम में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। एयरफोर्स के जवानों ने सलामी दी और हर किसी ने इस क्षण को मौन और सम्मान के साथ महसूस किया।

हिमाचल में शहीद के घर तिरंगा लौट आया, लेकिन इस बार वह जीत नहीं बल्कि बलिदान का संदेश लाया। शहीद नमांश स्याल ने अपने कर्म, साहस और राष्ट्र सेवा से साबित कर दिया कि देश का आकाश उन्हीं वीरों के नाम है जो जीवन से अधिक राष्ट्र को प्रेम करते हैं।

➤ विंग कमांडर नमांश स्याल का पार्थिव शरीर कांगड़ा पहुंचा
➤ आरएस बाली, प्रशासन और सेना ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
➤ दुबई एयर शो में तेजस विमान क्रैश हादसे में हुई थी शहादत


दुबई एयर शो हादसे में देश का गौरव रहे तेजस विमान के क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर नमांश स्याल का पार्थिव शरीर आज कांगड़ा पहुंचा, जहां पूरे सम्मान और भावनात्मक माहौल में अंतिम सलामी दी गई।

एयरफ़ोर्स के जवानों ने पूरे सैन्य प्रोटोकॉल के साथ पार्थिव देह को एयरफ़ोर्स वाहन में लाया और उसके बाद श्रद्धांजलि प्रक्रिया शुरू हुई।

इस दौरान लोगों की आंखें नम थीं और हर चेहरे पर गर्व के साथ दर्द साफ दिख रहा था।

कांगड़ा में पार्थिव शरीर पहुंचते ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और भारत माता के जयकारों के बीच भावुक माहौल बन गया।

शहीद की शहादत पर हिमाचल के लोगों ने गर्व और दुख का मिश्रित भाव व्यक्त किया।


यह क्षण भारी था लेकिन साथ ही यह उस वीरता का प्रतीक भी था, जिसने राष्ट्र के सम्मान के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।

कैबिनेट रैंक के नेता आरएस बाली ने पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर को नमन किया और पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी।

उन्होंने कहा कि नमांश स्याल केवल हिमाचल के ही नहीं बल्कि देश के बेटे थे और उनकी वीरता और समर्पण को राष्ट्र कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि राज्य सरकार हर कदम पर परिवार के साथ खड़ी है।

सेना, जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को अंतिम सलामी दी। अब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सैन्य सम्मान के साथ पूरी की जाएगी। पूरे प्रदेश में इस घटना को लेकर शोक और सम्मान की भावना है और हर कोई इस वीर सपूत के प्रति नतमस्तक है।

➤ गग्गल एयरपोर्ट पर दोपहर 1 बजे पहुंचेगी पार्थिव देह
➤ पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
➤ दुबई एयर शो में तेजस विमान हादसे में हुए शहीद

दुबई एयर शो हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर नमांश स्याल की पार्थिव देह आज वायुसेना के विशेष विमान से गग्गल एयरपोर्ट लाई जाएगी।

पार्थिव शरीर दोपहर लगभग 1 बजे पहुंचने की संभावना है। इसके बाद पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

कांगड़ा के डीसी हेमराज बैरवा ने बताया कि पार्थिव देह को एस्कॉर्ट करने और सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार की तैयारी प्रशासन और वायुसेना की टीमों ने पूरी कर ली है।

शहीद विंग कमांडर और उनकी पत्नी। फाइल फोटो।

परिवार के अनुसार, हादसे की सूचना शुक्रवार शाम मिली थी। शहीद के ताऊ जोगिंदर नाथ स्याल ने बताया कि शुरुआत में सूचना अनौपचारिक रूप से आई और बाद में आधिकारिक पुष्टि हुई। शहीद की पत्नी इस समय IIM कोलकाता में ट्रेनिंग पर हैं और उनकी एक बेटी पहली कक्षा में पढ़ती है।

 

हादसा उस समय हुआ, जब दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान फ्लाइंग डिस्प्ले दे रहा था। भारतीय समयानुसार लगभग दोपहर 2 बजे विमान का नियंत्रण अचानक खो गया और विमान रनवे के पास क्रैश हो गया। हादसा इतना तेज था कि पायलट को बचाया नहीं जा सका।

नमांश स्याल मूल रूप से कांगड़ा जिले की पटियालकर पंचायत के रहने वाले थे। उन्होंने सुजानपुर सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी। उनके पिता भारतीय सेना में अधिकारी रहे और बाद में शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुए।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने एक बहादुर और समर्पित अधिकारी खो दिया है।