मृत्युंजय पुरी। हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां विधानसभा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गरीब परिवार को मदद की दरकार है। न तो इस परिवार के पास खाने के लिए कुछ है और न ही ये लोग कुछ काम करने में समर्थ है।
दरअसल, मझेठली पंचायत निवासी ओम प्रकाश की पत्नी मनरेगा में काम करती थी जबकि ओम प्रकाश दिहाड़ी मजदूरी करता है। आज से 26 दिन पहले मनरेगा में काम करते वक्त उनकी पत्नी अंजना देवी का पैर फिसल गया, जिससे फ्रैक्चर हो गया। आलम ये है कि वे अब वह बिस्तर पर है और उनकी दवाइयों का खर्च भी पूरा करने में उनका पति असमर्थ है। क्योंकि पति या तो दिहाड़ी लगा सकता या पत्नी का ख्याल रख सकता है। साफ कहें तो दोनों में से एक ही काम हो पायेगा।
ऐसे में घर के हालात खराब होते जा रहे हैं। न तो इस परिवार को बीपीएल में डाला गया है और न ही सस्ते राशन की कोई सुविधा है। और तो और ओम प्रकाश अपने भाई के मकान में रहने को मजबूर है। अब इनको अपनी बेटी की भविष्य की चिंता भी सताने लगी है। ऐसे में इस परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
हालांकि पंचायत प्रधान को इस बारे में कई बार बताया गया, लेकिन कोई मदद आज तक नहीं मिली। ऐसे और भी कई परिवार हैं जो आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। या तो संबंधित विभाग इन योजनाओं का लाभ लोगों को देना नहीं चाहते, या फिर कहीं न कहीं प्रचार और प्रसार में कमी रह जाती है। हो सकता है जो पंचायत प्रतिनिधि हैं, वो भी कहीं न कहीं ऐसे मामलों को हल्के में लेते हों? ये कई गंभीर सवाल इस मामले में जरूर उठते हैं। वहीं, उम्मीद है इस ख़बर के बाद जरूरत मंदों को कुछ सहायता और सुविधाएं जरूर मिलेंगी।
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