,जहां चाह वहां राह, की कहावत का चरितार्थ करते हुए भारतीय औद्योगिक संस्थान मंडी की सैटलाइट लाइब्रेरी एवं आरकाइव सेक्शन में कार्यरत वरिष्ठ लाइब्रेरी सूचना सहायक डॉ सोनाली मल्होत्रा वास्तव में ही सैल्यूट की हकदार है। मंगलवार को मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यदि डॉ सोनाली मल्होत्रा का जिक्र किया जाए तो यह उनके संघर्ष को सलाम माना जाएगा।
मंडी के पास कमांद गांव में एक विशाल परिसर में किसी शहर जैसा रूप ले चुके आईआईटी मंडी ने रविवार को ही अपना 13 वां स्थापना दिवस मनाया है। मगर इस संस्थान को यहां तक पहुंचाने में जहां कई अधिकारियों और कर्मचारियों का भारी योगदान रहा है, वहीं डॉ सोनाली मल्होत्रा भी ऐसे कर्मचारियों में शुमार हैं जो इसके प्रथम कर्मचारी हैं यानि पहले ही दिन से यहां पर सेवाएं दे रहे हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटराईं कुल्लू से शिक्षा प्राप्त करने वाली डॉ सोनाली मल्होत्रा बताती हैं कि वर्ष 2010 में उन्होंने मंडी शहर में आईआईटी मंडी की लाईब्रेरी में प्रथम कर्मचारी प्रोजेक्ट के तौर पर कार्यभार संभाला था और महज एक सहायक नरेंद्र कुमार के साथ कठिनाईयों से जूझते हुए पूरी लग्न व ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए सभी विद्यार्थियों को लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की। आज वह कमांद जैसे विशाल परिसर में बनी आधुनिक लाइब्रेरी में एक बड़े पद पर पहुंच चुकी है। सुविधाएं न होने पर भी वह अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए रात को सफर करके दिल्ली से ट्रेन और फ्लाईटस पकड़ कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाओं व सम्मेलनों में भाग लेती रही।
आईआईटी में कार्य करते हुए भी उन्होंने अपनी उच्च शिक्षण का जारी रखा और आखिर में उसे वनस्थलि विद्यापीठ राजस्थान द्वारा डॉ सुनील भट्ठ के नेतृत्व में लाईब्रेरी इन्फोरमेशन साईंस में डाक्टरेट की उपाधि का सम्मान मिला। उन्होंने अपने शोध पत्र देश विदेशों पेरिस में 2016, थाईलैंड में 2018 में प्रस्तुत करके आईआईटी मंडी का नाम रौशन किया। उन्हें लाइब्रेरी एसोसिएशनज द्वारा लाइब्रेरी साईंस में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार मिले जिनमें बेस्ट परफोरमेंस अवार्ड 2016, एमरजिंग वुमेन लाईब्रेरियन 2019 व मोस्ट डायनामिक लाइब्रेरी प्रोफेशनल अवार्ड 2021 से भी नवाजा जा चुका है।
मंडी की कन्या पाठशाला में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत पारस मल्होत्रा की पत्नी डॉ सोनाली मल्होत्रा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व पति को देती है जबकि हमीरपुर हिम अकादमी में पढ़ रहे बेटे एक एकाक्ष व माइंड ट्ी स्कूल कमांद में छठी कक्षा की छात्रा बेटी वैष्णवी जिन्होंने उसका इस संघर्ष भरे सफर में साथ दिया है को देती है। डॉ सोनाली को इस दौरान अन्य भी कई तरह की उल्लेखनीय सफलताएं हासिल हुई हैं। उसका सपना है कि वह आईआईटी मंडी के नए निदेशक प्रो लक्ष्मीधर बेहरा के नेतृत्व में अपने इस क्षेत्र में ऐसे नए आयाम स्थापित करे जो देश विदेश में नई पहचान कायम कर सके। आईआईटी मंडी की यह जुझारू महिला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पर बधाई के साथ साथ सलाम की भी हकदार है।
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