हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. साल 1980 से ही विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है. 27 सितंबर 1970 वो दिन था जब यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन के कानूनों को अपनाया गया था. इस दिन को सेलिब्रेट करना का मकसद अतंरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर पर्यटन की भूमिका के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है. इसी कड़ी में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में विश्व पर्यटन दिवस पर 22 सितंबर को कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने टूरिज़्म वीक कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
इस दौरान कुलपति ने बताया कि तरह इस दिवस को सप्ताह भर मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि टूरिज्म सेक्टर देश व किसी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को किस तरह से प्रभावित करता है. टूरिज्म सेक्टर की भागीदारी देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होती है.
उन्होंने कहा कि दो साल के कोरोना वायरस के दौरान दुनियाभर का टूरिज्म सेक्टर चरमरा गया था और अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा था. उसके बाद अब धीरे-धीरे दुनियाभर के देशों ने टूरिज्म प्रतिबंधों को खोला है और फिर से पर्यटक एक देश से दूसरे देश और अपनी पसंदीदा जगहों पर घूमने के लिए निकल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लगभग 10 बर्ष पहले हमने शिमला में एक सैमीनार किया गया था जब हिमाचल में हॉमस्टे की शुरूआत की थी जिसका मुख्य उदेश्य यही था कि जो भी टूरिस्ट बाहर के देशों से हिमाचल प्रदेश में घूमने आ रहे वह इन हॉमस्टे के माध्यम से लोकल कल्चर और लोकल रिती रिवाजों के बारे में जान सके. उन्होंने कहा कि जिन हॉमस्टे ने इस क्षेत्र में बेहतरीन काम किया उन्हें इस सैमीनार में सम्मानित भी किया जाएगा.
वहीं, प्रो. सत प्रकाश बंसल ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस 2022 की थीम “पर्यटन पर पुनर्विचार” है. यह इस पर पुनर्विचार करने का अवसर है कि कैसे पर्यटन क्षेत्र अधिक टिकाऊ, समावेशी और लचीला हो सकता है.