प्रदेश हाईकोर्ट में राजधानी शिमला के बहुचर्चित युग हत्याकाड में दोषियों को सुनाई गई सजा-ए-मौत की पुष्टिकरण मामले पर सुनवाई 18 मार्च के लिए टल गई। मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है।
इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है। इनकी अपील पर भी सुनवाई 18 मार्च को होगी। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ उक्त अपील और रेफरेंस पर सुनवाई कर फैसला देगी। तीन दोषियों को फिरौती के लिए 4 साल के युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि 6 सितंबर को दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रात बख्शी को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था। तीनों दोषियों ने 14 जून 2014 को शिमला के राम बाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था। अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी में स्थित पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था। तीनों दोषियों ने युग के शरीर पर पत्थर बाधकर उसे पानी से भरे टैंक में जिंदा फेंक दिया था।