<p><strong>पिछले एक साल से व्यापार जगत में जिस शब्द का सबसे ज्यादा शोर सुनाई दिया उसका नाम जीएसटी है। यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स। जीएसटी को लेकर काफी विवाद भी रहे, हंगामा भी हुआ और इसके पक्ष में सहूलियत की दलीलें भी दी गईं। आज की तारीख में जीएसटी अब एक साल का हो चुका है। इस एक साल के दौरान जीएसटी से इंडिया का टैक्स सिस्टम किस हद तक दुरूस्त हुआ और इससे कितना फायदा पहुंचा है, इसके आंकड़े अब सामने आने लगे हैं। साथ ही इसकी राह में कौन सी जटिलताएं रही हैं, उस पर भी चर्चा तेज़ है।</strong></p>
<p><br />
<strong><span style=”color:#c0392b”>जीएसटी के फायदे</span></strong></p>
<ul>
<li>जीएसटी के फायदों का जिक्र करें तो इसमें कई बदलाव हैं जिनसे व्यापार जगत को काफी सहूलियत मिली और देश को भी काफी लाभ मिला।</li>
<li>इसमें सबसे अहम ये कि अटकलों के विपरीत जीएसटी से महंगाई दर में कोई इजाफा नहीं हुआ। बाकी दूसरे देशों में सिंगल टैक्स सिस्टम से मंहगाई दर में बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन भारत में स्थिति सामान्य रही।</li>
<li>पूरे देश के एक बाजार के रूप में बदलने से राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों की लंबी लाइनों का झमेला खत्म हो गया है। इस स्थिति के चलते ट्रांजैक्शन में देरी वाली समस्या खत्म हो चुकी है। अब सामान बेवजह नहीं अटका रहता है।</li>
<li>जीएसटी का सबसे बड़ा लाभ एक देश एक टैक्स का है। देश के सभी हिस्सों में उत्पादों पर टैक्स एक सामान ही लगता है। इस प्रणाली की वजह से डिस्ट्रिब्यूशन, प्रॉडक्शन, सप्लाई चेन, स्टोरेज आदि तंत्र काफी मजबूत हुए हैं। तकरीबन 17 प्रकार के टैक्स और कई सेस का जीएसटी में विलय हो गया है। एक्साइज ड्यूटी, सर्विसेज, काउंटरवेलिंग, वैट और परचेज टैक्स सभी जीएसटी में विलय हो चुके हैं।</li>
<li>सबसे बड़ी बात यह कि जीएसटी के चलते अर्थव्यवस्था का फॉर्मलाइजेशन हुआ है। टैक्स का दायरा बढ़ा है। इस व्यवस्था की वजह से टैक्स के दायरे से बाहर रहना मुश्किल हुआ है। एक आंकड़े के मुताबिक अब तक तकरीबन 1 करोड़ व्यापारियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।</li>
</ul>
<p><span style=”color:#d35400″>जीएसटी की खामियां</span></p>
<ul>
<li>जीएसटी से भले ही व्यापार जगत की कार्यप्रणाली में सुगमता आई है। लेकिन, अभी भी कुछ पेंच हैं जिनसे कारोबारी और जनता को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।</li>
<li>सबसे बड़ी दिक्कत जीएसटी के कंप्लायंस में देखने को मिल रही है। खासतौर पर टैक्निकल समस्या के चलते बेतहाशा मुश्किलें पेश आ रही हैं। </li>
<li>दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत मल्टिपल रजिस्ट्रेशन की है। कंपनियों की इस बात की आशंका है कि कई सारे रजिस्ट्रेशन के चलते ढेर सारे ऑडिट और असेसमेंट हो सकते हैं, जिससे उनके लिए आने वाले वक्त में फजीहतें खड़ी हो सकती हैं।</li>
<li>जीएसटी में कई टैक्सों का विलय तो हो गया है लेकिन इसके बावजूद एक तरह की लेवी लागू है। लग्जरी गुड्स पर कॉम्पेन्सेशन सेस लागू किया गया है। ऑटोमोबाइल के अलावा अब इसे शुगर पर भी लागू करने का विचार किया जा रहा है।</li>
<li>एक्सपोर्ट के बिजनेस में भी कुछ दिक्कतें पेश आई हैं। एक्सपोर्ट रिफंड मेकेनिज्म, डेटा मैचिंग लॉ में कठिनाई देखी जा रही है। सरकार की तरफ से हालांकि कोशिशें लगाता जारी हैं। लेकिन, अभी भी इसमें दखल की जरूरत है।</li>
</ul>
<p> </p>
<p> </p>
<p> </p>
<p> </p>
Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…
Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…
NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…
Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…
Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…
NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…