<p>आज का दिन सुप्रीम कोर्ट के इतिहास के पन्नो में हमेशा याद रखा जाएगा। यह पहेली बार हुआ है कि उच्च न्यायालय में 9 जजों ने एकसाथ शपथ ली हो। तीन महिला जज भी आज से SC में कार्यभार संभालेंगी। </p>
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महिला जजों में से जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं। इसके अलावा जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी हैं, जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपॉइंट हो रहे हैं। वे भी 2028 में चीफ जस्टिस बन सकते हैं। </p>
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<span style=”color:#c0392b”><strong>यह हैं 9 जज </strong></span></p>
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<span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस बीवी नागरत्ना</strong></span> जस्टिस नागरत्ना 2008 में कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त की गई थीं, 2010 में उन्हें परमानेंट जज नियुक्त कर दिया गया। 2012 में फेक न्यूज के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जस्टिस नागरत्ना और अन्य जजों ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि वे मीडिया ब्रॉडकास्टिंग को रेगुलेट करने की संभावनाओं की जांच करें।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस हिमा कोहली</strong></span> तेलंगाना हाईकोर्ट की जज थीं। वे इस हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बनने वाली पहली महिला जज भी थीं। दिल्ली हाईकोर्ट में जज रह चुकी हैं। जस्टिस कोहली को भारत में लीगल एजुकेशन और लीगल मदद से जुड़े अपने फैसलों के लिए जाना जाता है। </p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस बेला त्रिवेदी</strong></span> गुजरात हाईकोर्ट में 9 फरवरी 2016 से जज थीं। 2011 में इसी हाईकोर्ट में एडिशनल जज थीं और इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में भी एडिशनल जज रह चुकी हैं। इनका पूरा नाम बेला मनधूरिया त्रिवेदी है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका</strong></span> बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल और पर्मानेंट जज रह चुके हैं। 2019 में कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अपॉइंट किए गए। जस्टिस ओका सिविल, कॉन्स्टिट्यूशनल और सर्विस मैटर के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस रहते हुए उन्होंने लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और राज्यों की ज्यादतियों को लेकर फैसले दिए हैं।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस विक्रम नाथ</strong></span> गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं। इससे पहले उनका नाम आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस रिकमेंड किया गया था, पर तब केंद्र ने इस सिफारिश को नामंजूर कर दिया था।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी</strong></span> सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। इससे पहले वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। उनका जन्म भी मध्य प्रदेश के जौरा में ही हुआ है। </p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस सीटी रवि</strong></span> केरल हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। उनके पिता मजिस्ट्रियल कोर्ट में बेंच क्लर्क थे। उन्होंने केसों के स्पीड ट्रायल को लेकर बड़ा कमेंट किया था। उन्होंने कहा था कि कानून की उम्र लंबी होती है, पर जिंदगी छोटी होती है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस पीएस नरसिम्हा</strong></span> बार से सुप्रीम कोर्ट में अपॉइंट होने वाले पहले जज हैं। बार से सीधे अपॉइंट होने वाले वे देश के नौंवें जज हैं और 2028 में चीफ जस्टिस भी बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बार से अपॉइंट होने के बाद चीफ जस्टिस बनने वाले वे तीसरे न्यायाधीश होंगे। 2014 से 2018 तक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं। इटली नौसेना मामले, जजों से जुड़े NJAC केस से भी जुड़े रहे। उन्हें BCCI के प्रशासनिक कार्यों से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ भी नियुक्त किया था।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जस्टिस एमएम सुंदरेश</strong></span> केरल हाईकोर्ट के जज हैं। 1985 में वकालत शुरू की थी। चेन्नई से बीए किया और मद्रास लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री ली।</p>
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