AAP Punjab Crisis/नई दिल्ली/चंडीगढ़: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि AAP के 35 विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं, जिनमें से 30 उनके संपर्क में हैं। इन अटकलों के बीच AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी 94 विधायकों की दिल्ली में आपात बैठक बुलाई।
AAP की यह बैठक दिल्ली स्थित पंजाब CM के सरकारी निवास कपूरथला हाउस में हुई, जो करीब आधे घंटे तक चली। बैठक में दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और पंजाब के CM भगवंत मान भी शामिल रहे।
मान का पलटवार: “गुंडागर्दी और पैसे से हारे चुनाव”
बैठक के बाद CM भगवंत मान ने कहा, “दिल्ली चुनाव में विपक्ष ने गुंडागर्दी और पैसा चलाया। हमें बार-बार चुनाव आयोग के पास जाना पड़ा और शिकायत करनी पड़ी।”
कांग्रेस के दावे पर तंज कसते हुए मान ने कहा, “विपक्ष पौने तीन साल से कह रहा है कि हमारे 30-40 विधायक जा रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे यहां पार्टी बदलने की परंपरा नहीं है, यह कांग्रेस की आदत रही है।”
AAP विधायकों ने दिया समर्थन
बैठक से पहले ही AAP के कई विधायकों ने स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी में कोई बगावत नहीं है और CM बदले जाने की खबरें झूठी हैं। विधायक मनविंदर ग्यासपुरा, चेतन सिंह जौड़ामाजरा और ब्रह्मशंकर जिंपा ने कहा, “हम सब पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं। न कोई विधायक पार्टी छोड़ेगा, न ही CM बदलेगा।”
AAP नेताओं का कांग्रेस पर पलटवार
AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि कांग्रेस अफवाहें फैला रही है। पंजाब AAP के प्रधान अमन अरोड़ा के बयान “पंजाब का मुख्यमंत्री कोई भी हो सकता है” को गलत तरीके से पेश किया गया।
AAP विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा ने सवाल उठाया, “सभी राष्ट्रीय पार्टियां दिल्ली से चलती हैं, फिर हमारी बैठक पर इतना विवाद क्यों? कांग्रेस और भाजपा कहां से ऑपरेट करती हैं?”
क्या कांग्रेस पंजाब में AAP सरकार गिराने की फिराक में है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस, AAP सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में है। विपक्षी पार्टियां लगातार AAP विधायकों की नाराजगी और संभावित टूट की चर्चा कर रही हैं, लेकिन AAP नेतृत्व ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।