नशा तस्करी मामले में फंसे वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस को 23 फरवरी तक शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया है। वहीं मजीठिया को 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद निचली अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह ड्रग्स मामले में आत्मसमर्पण करने के बाद शिअद नेता मजीठिया की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करे।
आज ही मजीठिया की गिरफ्तारी पर रोक का अंतिम दिन है। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में 31 जनवरी तक गिरफ्तारी समेत अन्य सख्त कदम न उठाए। चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के सामने मजीठिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि उनके मुवक्किल के खिलाफ राजनीतिक दुश्मनी साधी जा रही है।
मजीठिया को पिछले साल 20 दिसंबर को ड्रग्स से संबंधित एनडीपीएस एक्ट के तहत नामजद किया गया था। 24 जनवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले 10 जनवरी को हाईकोर्ट ने मजीठिया को गिरफ्तारी से राहत दी थी और 12 जनवरी को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। बाद में गिरफ्तारी से राहत 18 जनवरी तक बढ़ा दी गई थी। बिक्रम मजीठिया पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साले हैं।