केंद्रीय खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) को निर्देश दिया है कि वह विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) कोड को 'संपूर्णता और निष्पक्षता' से लागू करने को लेकर BCCI पर दबाव बनाए और भारत में होने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराए। मंत्रालय ने NADA को पूरे अधिकार और ताकत दी है कि वह अपने 'डोप कंट्रोल' अधिकारियों को BCCI से मान्यता प्राप्त टूर्नमेंटों और मैचों के दौरान क्रिकेटरों के रक्त और यूरिन सैंपल ले सकें।
VADA ने शनिवार को ICC से कहा कि वह नैशनल ऐंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) से भारतीय क्रिकेटरों की डोप टेस्टिंग के निर्देश दे। VADA ने कहा है कि अगर BCCI ऐसा नहीं करता है, तो वह NADA की मान्यता रद्द कर सकता है। अगर BCCI की जिद से ऐसा होता है, तो यह भारत के सभी खेलों के लिए संकट पैदा कर सकता है। इस संदर्भ में VADA के महा निदेशक ओलिवर निगली ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को पत्र लिखा था।
खेल सचिव राहुल भटनागर ने कहा, मैंने नाडा के महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह अपने क्रिकेटरों के सैंपल लेने के लिए डोप कंट्रोल अधिकारियों को भारत में होने वाले क्रिकेट टूर्नमेंटों में भेजे। यदि BCCI कोई अड़चन पैदा करता है या नाडा के काम में किसी तरह की परेशानी खड़ी करेगा तो हम क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ कोई ऐक्शन लेने से नहीं कतराएंगे।
उन्होंने कहा कि हम भारत में होने वाले मैचों के दौरान सैंपल टेस्ट से शुरुआत कर रहे हैं। इसके बाद आगे बढ़ेंगे और आउट-ऑफ कॉम्पिटिशन टेस्टिंग कराएंगे। एक अन्य अधिकारी ने बाताया कि यदि बोर्ड नाडा का लगातार विरोध करता रहा तो मंत्रालय BCCI को कोर्ट तक ले जा सकता है।