देश में कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं। ऐसे में फरवरी के महीने में कोविड से हुई मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला है। शुक्रवार को कोरोना से मौत की तादाद 15,000 के आंकड़े को पार कर गई, जो जनवरी (14,752) से ज्यादा है। इतना ही नहीं, पिछले साल जुलाई के बाद बीते सात महीनों में सबसे ज्यादा मौतें फरवरी में दर्ज की गई हैं। हालांकि इस आंकड़े में एक पेच है। फरवरी के महीने में कोविड मौतों के इस आंकड़े में पहले हुई मौतें भी शामिल की गई हैं।
कोरोना की पहली दो लहर के समय महामारी से हुई जिन मौतों को अब तक रिकॉर्ड में नहीं लिया गया था, उन्हें फरवरी के महीने में जोड़ा गया है। इस तरह से देखें तो फरवरी में (8673) केवल 58 प्रतिशत मौतें हाल के दिनों में हुई हैं। बाकी 6,329 मौतें पहले के महीनों में हुईं और इस महीने में उसे जोड़ा गया है।
पहले की ज्यादातर मौतों में करीब 6217 अकेले केरल में रिकॉर्ड की गई हैं। यह राज्य कोविड से मौतों के दावे की जांच कर रहा है और आधिकारिक आंकड़ों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत मुआवजा दिया जा रहा है। इसके उलट, गुजरात जैसे राज्यों में कोविड से मौत के आधिकारिक आंकड़े दावों से अलग हैं।
फरवरी में अब तक दर्ज मौतों के आंकड़े जुलाई के बाद सबसे ज्यादा हैं, जब घातक दूसरी लहर के समय 24,897 मौतें दर्ज की गई थीं। कोविड से एक महीने में सबसे ज्यादा मौतें मई के महीने में दर्ज की गई थीं। दूसरी लहर के पीक के समय यह आंकड़ा 1,19,183 मौतों का था।