तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने रूस और यूक्रेन में चल रहा वॉर पर दुख जताया है। दलाई लामा ने कहा यूक्रेन में टकराव से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर आत्यधिक दुख हुआ है। कोई भी युद्ध सही नहीं, हिंसा सही नहीं, अहिंसा का मार्ग ही श्रेष्ठ है। बातचीत और संवाद को जरिया बनाकर समस्या का समाधान करना चाहिए। यूक्रेन में हो रहे टकराव से आत्यधिक दुख हुआ है।
उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर जारी बयान में कहा कि दो देशों का युद्ध इतना अधिक हो गया है कि इस हिंसक संघर्ष का विश्व भर में प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए बातचीत और संवाद जरूरी है। अब युद्ध की धारणा पुरानी हो चुकी है, अहिंसा ही एकमात्र उपाय है। हमें अन्य मनुष्यों को भाई-बहन मानकर मानवता की एकता की भावना विकसित करने की आवश्यकता है। इस तरह से हम एक शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर सकेंगे।
धर्मगुरू ने कहा कि समस्याओं और असहमतियों का समाधान संवाद के माध्यम से किया जाता है। सच्ची शांति आपसी समझ और एक दूसरे के हित की भावना से आती है। एक दूसरे के प्रति करुणा जरूरी है। विश्व शांति के लिए करुणापूर्ण व शांतिपूर्ण व्यवहार जरूरी है। युद्ध किसी के हित में नहीं होता, इसलिए संवाद ही सही है। हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। 20वीं सदी युद्ध और रक्तपात की सदी थी। 21वीं सदी संवाद की सदी होनी चाहिए। मैं प्रार्थना करता हूं कि यूक्रेन में शीघ्र शांति स्थापित हो।
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