एंडोस्कोपी के दौरान मरीजों को होने वाली तकलीफ जानने के लिए डॉक्टर नितीन जोशी ने अपनी ही एंडोस्कोपी कर डाली। मामला महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित गैलेक्सी अस्पताल का है। उनका दावा है कि एेसा करने वाले वे देश के पहले डॉक्टर हैं। डॉ. नितीन जोशी गैलेक्सी अस्पताल में गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट हैं।
डॉ. जोशी का कहना है कि जब तक हम खुद इस प्रक्रिया से नहीं गुजरते तब तक हमें मरीजों की तकलीफों का पता नहीं चल सकता। उनके अनुसार एंडोस्कोपी के दौरान मरीजों को कई तकलीफों से गुजरना पड़ता है। उनकी इन्हीं तकलीफों को जानने के लिए मैंने खुद की एंडोस्कोपी करने का फैसला लिया।
बता दें कि एंडोस्कोपी के दौरान बिना चीर-फाड़ के शरीर के अंदरूनी अंगों को देखा जा सकता है। इसके लिए एक उपकरण लगा कैमरा मुंह के जरिए शरीर के अंदर भेजा जाता है।