आंध्र प्रदेश में इंसानियत को शर्मसार कर देनी वाली घटना सामने आई है। एक 13 वर्षीय लड़की, जिसने हाल ही में कोरोना लहर में अपनी मां को खो दिया था, उसका का आठ महीने तक लगातार गैंगरेप हुआ। इन महीनों में 80 से अधिक लोगों ने उसका यौन शोषण किया। पुलिस मंगलवार के उसे गुंटूर से रेस्क्यू करने में सफल रही। मां की मौत के बाद लड़की को अस्पताल से अपने घर ले जाने वाली महिला को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसने उसे इस दलदल में धकेला।
पुलिस की जांच से पता चला है कि आठ महीने में 80 से अधिक पुरुषों द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को बी.टेक के एक छात्र सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अपराध में शामिल 80 लोगों को भी गिरफ्तार करने की तैयारी में है। उनकी तलाश की जा रही है।
पीड़िता को एक महिला सवर्ण कुमारी ने गोद लिया था, जिसने जून 2021 में कोविड -19 महामारी के दौरान एक अस्पताल में पीड़िता की मां से दोस्ती की थी। लड़की की मां की जल्द ही कोविड -19 के कारण मृत्यु हो गई थी। इसके बाद लड़की को लेकर वह अपने घर चली गई। हालांकि, लड़की के पिता से यह बात छिपा ली गई।
अगस्त 2021 में लड़की के पिता ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी महिला सवर्ण कुमारी की पहचान की। इस मामले में पहली गिरफ्तारी जनवरी में हुई थी। मंगलवार 19 अप्रैल को गुंटूर पश्चिम क्षेत्र पुलिस ने बी.टेक के एक छात्र सहित 10 और गिरफ्तारियां कीं। आरोपी और पीड़िता से पूछताछ करने पर पुलिस को पीड़िता की स्थिति की दर्दनाक और चौंकाने वाली वास्तविकता का पता चला।
पिछले आठ महीने से 13 साल की बच्ची को देह व्यापार के धंधे में इस्तेमाल करने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग वेश्यालय में भेज दिया गया था। इसके आधार पर पुलिस ने नाबालिग को जबरन देह व्यापार में धकेलने वाले मुख्य आरोपी के तौर पर लड़की को ले जाने वाली महिला की पहचान की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सुप्रजा ने कहा कि पुलिस ने 80 आरोपियों की पहचान कर ली है और उन्हें गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ किंगपिन हैं, 35 दलाल हैं और बाकी ग्राहक हैं।