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भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में गोल्ड इंडस्ट्री की भूमिका रहेगी अहम: अनुराग ठाकुर

<p>केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में एसोचैम के 12वें गोल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने भारत की गोल्ड इंडस्ट्री को विश्व के जौहरी के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता बल देने की बात कही है। अनुराग ठाकुर ने कहा &rdquo;मैं इस बात की सराहना करता हूं कि भारत की गोल्ड इंडस्ट्री को इस बात का एहसास है कि उन्हें क्या करने की जरूरत है और सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में गोल्ड इंडस्ट्री की भूमिका काफ़ी अहम रहने वाली है। इसलिए हमारे पास मौजूद सोना इसमें किस तरह से अपना सम्यक् योगदान दे सकता है इस पर हम सभी को विचार करने की आवश्यकता है। इसके लिए हम सब की ज़िम्मेदारी बनती है कि गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (GMS) को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहित करें और इसमें धार्मिक संस्थानों की अधिक भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास करें&rdquo;।</p>

<p>आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा&rdquo;यह एक आम धारणा है कि सोने को केवल आभूषणों की दृष्टि से नहीं बल्कि एक &#39;संपत्ति&#39; के रूप में भी खरीदा जाता है, इसलिए देश में सोने के आयात को कम करने के लिए बैंकों को जीएमएस को प्रभावी साधन के रूप में आगे ले जाना चाहिए।इसके लिए हम बैंकों की अधिक शाखाओं को जीएमएस के तहत स्वर्ण जमा को स्वीकार करने और सोने पर ऋण का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। मोदी सरकार गोल्ड इंडस्ट्री को अपना समर्थन देना जारी रखेगी।</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में महिलाओं और युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभाते देखना सुखद: अनुराग ठाकुर</strong></span></p>

<p>अनुराग ठाकुर ने प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग (आईडीएसए) के वार्षिक सर्वेक्षण (2018-19) की रिपोर्ट को जारी कर, नए भारत की आकांक्षाओं और डायरेक्ट सेलिंग के योगदान पर प्रकाश डाला। अनुराग ठाकुर ने कहा&rdquo;आज महिलाएं और युवा प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का नेतृत्व कर रहे हैं। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और आर्थिक सुधारों के लिए सरकार के हालिया निर्णयों से इस सेक्टर को और बल मिलेगा। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में वितरकों या प्रत्यक्ष विक्रेताओं के रूप में लगभग 60 लाख लोग शामिल हैं और मेरी जानकारी के अनुसार 2025 तक यह संख्या बढ़कर बढ़कर 2 करोड़ होने का अनुमान है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान और हाल ही में आर्थिक सुधारों की घोषणा के तहत, हमारी सरकार ने कॉर्पोरेट क्षेत्र, एमएसएमई,और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की है। यह एक सराहनीय उपलब्धि है और हमारी सरकार न्यू इंडिया के स्वर्णिम विजन में महिलाओं और युवाओं की भूमिका को और बढ़ावा देने समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।</p>

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