<p>2018 भारत के लिए कितना सही रहा इसका पता हम भारतीय मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों से लगा सकते हैं। इस साल मॉनसून ने देश का 21.38% हिस्सा बहुत ज्यादा सूखे के बीच छोड़ा है। सूखे को मापने के इंडेक्स से पता चलता है कि इस साल मॉनसून में सूखे की स्थिति साल 2016 और 2017 से भी खराब रही है। इस साल करीब 134 जिलों में बहुत ज्यादा सूखे हालात रहे हैं।</p>
<p>यह इंडेक्स सूखे के लिए निगेटिव और नमी वाली स्थितियों के लिए पॉजिटिव होता है। इसके मुताबिक करीब 229 जिलों में हल्की सूखी स्थिति रही जो कि इस मॉनसून का 43.51% है। पिछले साल देश का करीब 17.78% क्षेत्र थोड़े सूखे से बहुत सूखे के बीच रहा था जबकि 2016 में यह 12.28% था। मौसम विभाग में Data management head. Palak guhathakurta ने बताया कि इस मॉनसून में सूखे की स्थिति वाले इलाके का प्रतिशत 21% से अधिक रहा। इसमें से 5.45% क्षेत्र में गंभीर सूखा और 2.08% क्षेत्र में काफी सूखा रहा।</p>
<p>विभाग के डेटा में लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, बिहार, राजस्थान और कर्नाटक के जिलों में गंभीर सूखे से लेकर काफी सूखे तक कि स्थिति देखी जा सकती है। महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के भी कुछ जिलों में सूखा रहा। इनमें सतारा, सोलापुर, औरंगाबाद, जालना, बुलधाना और कई जिले रहे। सूखे की सबसे खराब स्थिति लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मेघालय, त्रिपुरा और झारखंड में रही है। महाराष्ट्र में सूखे का इंडेक्स -1.42 रहा जो गंभीर रूप से सूखा बताता है।</p>
NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…
Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…