इसरो के 100वें सेटेलाइट के लांच के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ 30 अन्य सेटेलाइट भी श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए जाएंगे। यह इसरो का 42वां और साल 2018 का पहला मिशन है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, रॉकेट पीएसएलवी-सी40 मौसम विज्ञान संबंधी कार्टोसेट-2 सीरीज का सेटेलाइट और अन्य 30 को लेकर शुक्रवार सुबह 9.28 बजे उड़ान भरेगा। मिशन से संबंधित समिति की मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए गुरुवार सुबह 5.29 बजे उलटी गिनती शुरू की गई। 30 अन्य सेटेलाइट में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो सेटेलाइट है। जबकि छह अन्य देशों के तीन माइक्रो और 25 नैनो सेटेलाइट हैं। ये देश हैं- कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका।
इन 30 सेटेलाइट का कुल वजन 613 किलोग्राम है, जबकि सभी 31 सेटेलाइट का कुल वजन 1,323 किलोग्राम है। सेटेलाइट लॉन्च का पूरा कार्यक्रम दो घंटे और 21 सेकेंड तक चलने की उम्मीद है। इस मिशन से पहले इसरो ने पिछले साल आइआरएनएसएस-1एच नेविगेशन सेटेलाइट को लॉन्च किया था।
2018 का पहला अंतरिक्ष मिशन, जानिए पीएसएलवी सैटेलाइट की खासियत
– PSLV C-40 अपने साथ कुल 31 उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा।
– PSLV C-40 भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट अंतरिक्ष में ले जाएगा।
– इसमें भारतीय माइक्रो उपग्रह और एक नैनो उपग्रह के अलावा 28 विदेशी उपग्रह शामिल होंगे।
– इनमें 19 अमेरिका, 5 दक्षिण कोरिया, एक-एक कनाडा, फ्रांस, बिट्रेन और फिनलैंड के उपग्रह शामिल हैं।
– कार्टोसैट 2 का वजन 710 किलोग्राम है, जो इस मिशन का प्राथमिक उपग्रह है।
– कार्टोसैट 2 को 'आई इन द स्काई' भी कहा जा रहा है, जो कि एक बड़े कैमरे की तरह है।
– वहीं भारतीय माइक्रो उपग्रह का वजन 100 किलोग्राम और नैनो उपग्रह 10 किलोग्राम वजनी है।
– PSLV C-40 की ऊंचाई 44.4 मीटर और वजन 320 टन होगा।
– PSLV के साथ 1332 किलो वजनी 31 उपग्रह को एकीकृत किया गया है।
– प्रक्षेपण के बाद इन्हें पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में तैनात किया जाएगा।
– बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त को पीएसएलवी-सी 39 का मिशन फेल हो गया था।