आज भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर तीसरे दौर की वार्ता खत्म हो गई है। भारत के सिख श्रद्धालु अब बिना वीजा के पूरे साल करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए जा सकेंगे। इस कॉरिडोर के माध्यम से भारतीय मूल के वैसे लोग जिनके पास भारतीय विदेशी नागरिकता योजना (ओसीआई) कार्ड है वो भी करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आ-जा सकेंगे। आज अटारी बॉर्डर पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई। हालांकि दो मुद्दे ऐसे रहे जिन पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई।
दोनों देशों के बीच हुई बैठक में करतारपुर कॉरिडोर से आपात निकासी पर भी चर्चा हुई। दोनों देश आपात निकासी प्रक्रिया पर राजी हो गए है, खासकर उन मौकों के लिए जब मेडिकल इमरजेंसी की हालत हो। इस उद्देश्य के लिए बीएसएफ और पाकिस्तान रेजर्स के बीच सीधी बातचीत की व्यवस्था होगी। दोनों देश कॉरिडोर से करतारपुर जाने वाले यात्रियों की जानकारी को मुहैया कराने की प्रक्रिया पर भी सहमत हो गए हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के बाद करतारपुर कॉरिडोर के जरिए रोजाना 5000 श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकेंगे। विशेष मौकों पर ज्यादा श्रद्धालु भी यहां पहुंच सकेंगे। पाकिस्तान ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वो श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या को करतारपुर कॉरिडोर आने की इजाजत देना चाहता है। करतारपुर कॉरिडोर साल के 365 दिन खुला रहेगा। श्रद्धालुओं के पास ये विकल्प होगा कि वे अकेले जा सकेंगे या फिर उनके पास समूह में जाने की सुविधा होगी। व्यवस्था के मुताबिक श्रद्धालु पैर ही यहां पर आएंगे। दोनों ही पक्ष बुढ़ी रावी नहर पर पुल बनाने को राजी हो गए हैं।