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ममता कुलकर्णी ने Aap Ki Adalat में अपने साध्वी जीवन, बॉलीवुड करियर और विवादों पर खुलकर बात की
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किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनने के बाद विवादों में घिरने पर उन्हें पद से हटा दिया गया
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ममता ने फिल्मों में वापसी से साफ इनकार किया और खुद को पूरी तरह संन्यासी बताया
बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो 90 के दशक में अपनी फिल्मों से सुर्खियों में रहीं, आज पूरी तरह अध्यात्म में लीन हैं। हाल ही में उन्होंने टीवी शो “Aap Ki Adalat” में अपने बॉलीवुड के दिनों, विवादों और संन्यासी जीवन पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि पिछले 23 वर्षों में उन्होंने एक भी एडल्ट फिल्म नहीं देखी और पूरी तरह तपस्विनी जीवन अपना लिया है।
अपने संन्यासी जीवन के बारे में बताते हुए ममता ने कहा कि वह नवरात्रि में 9 दिन तक सिर्फ पानी पर रहती थीं और रोज तीन बार हवन करती थीं। हालांकि, एक बार ताज होटल में उन्होंने 2 पैग स्कॉच पी ली, जिसके बाद उन्हें ऐसा लगा कि उनका तप भंग हो गया। उन्होंने बताया कि 1996-97 में उनके जीवन में एक गुरु आए थे, जिन्होंने उन्हें बॉलीवुड छोड़ने की सलाह दी थी।
महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़ा ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दी थी, लेकिन आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अजय दास के बीच विवाद के चलते ममता को यह पद छोड़ना पड़ा। उन्होंने साफ किया कि उन्हें इस पद की कोई लालसा नहीं थी, बल्कि अखाड़े के दबाव में इसे स्वीकार किया था। ममता ने 10 करोड़ रुपये देने के आरोपों को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके बैंक खाते फ्रीज हैं और उनके तीन अपार्टमेंट जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं।
ममता ने अपने बॉलीवुड करियर के दिनों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि शाहरुख खान और सलमान खान के साथ “करण अर्जुन” की शूटिंग के दौरान मजेदार घटनाएं हुई थीं। वहीं, फिल्म “घातक” में आइटम नंबर करने को लेकर उन्होंने कहा कि यह निर्देशक राजकुमार संतोषी के कहने पर किया था।
ममता ने फिल्मों में वापसी की संभावनाओं को पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने कहा कि जैसे दूध से घी बनने के बाद वह दोबारा दूध नहीं बन सकता, वैसे ही वह अब फिल्मों में नहीं लौटेंगी। उन्होंने स्टारडस्ट पत्रिका के लिए अर्धनग्न फोटोशूट को लेकर कहा कि उस वक्त वह सिर्फ नौवीं कक्षा में थीं और उन्हें नग्नता की जानकारी नहीं थी।