<p>भारत में निर्मित हाई स्पीड ट्रेन-18 अब भातर के साथ-साथ विदेशों में भी दौड़ती नजर आएगी। भारत में निर्मित इस हाई स्पीड ट्रेन-18 में पेरू, इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलयेशिया के अलावा मध्य एशिया के कुछ देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल ने बताया कि कई देश ट्रेन-18 से काफी प्रभावित हुए हैं और उन्होंने इसे खरीदने की इच्छा जाहिर की है जो रेलवे के लिए गर्व की बात है।</p>
<p>दुनियाभर में रोलिंग स्टॉक बाजार लगभग 200 अरब डालर का है और हम इसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी चाहते हैं। फिलहाल हमारा पूरा ध्यान अभी इस ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाने पर है।’ ट्रेन 18 मेक इन इंडिया के तहत भारत में तैयार की गई है और इसे बनाने में 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है। ट्रेन सेट्स बनाने की यह तकनीक दुनिया में सबसे सस्ती है, इसलिए कई देश इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।</p>
<p>बताते चलें कि ट्रेन 18 की अधिकतम गति 180 किमी है। देश में सबसे तेज गति से दौड़ने वाली यह ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दिल्ली के बीच चलेगी। पीएम मोदी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।</p>
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