12 साल से कम बच्चों से रेप पर मौत की सज़ा के फैसले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरी झंडी दे दी है। मोदी सरकार के कैबिनेट फैसले के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अध्यादेश पर स्वीकृति दे दी है। इसी के साथ अब यह 6 महीनों के लिए कानून बन गया है। इन 6 महीनों के बीच सरकार इस अध्यादेश को संसद के दोनों सदनों में पास कराएगी।
यह कानून आज से पूरे देश में लागू हो गया। 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामले में न्यूनतम 20 वर्ष कारावास और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसी बच्चियों से गैंगरेप के मामले में न्यूनतम सजा उम्रकैद और अधिकतम फांसी होगी। अब तक 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामले में अधिकतम सजा उम्रकैद थी।
साथ ही अध्यादेश के प्रावधानों के तहत अब 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से रेप के मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। इस उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा 10 वर्ष कैद से बढ़ाकर 20 वर्ष की गई है। कुछ मामलों में आरोपी की जमानत याचिका पर फैसले से 15 दिन पहले कोर्ट अभियोजक और पीड़िता के प्रतिनिधि को नोटिस भेजेगा।