केंद्र सरकार ने 14वें वित्तायोग के तहत बजट आवंटन में बड़ा बदलाव किया है। केन्द्र के माध्यम से हो रहे कार्यो में लगने वाले को पैसों को पंचायत प्रधानों के बजाय सीधे मजदुरों और सामग्री विक्रेताओं तक पहुंचाया जाएगा। उसके पैसे ऑनलाइन के जरिए खाते में डाल दिए जाएंगे। पंचायत प्रधानों को केंद्र की इस नई बजट आवंटन की व्यवस्था से झटका लगना तय है।
जरूरत होने पर मिलेगा पैसा
इसके साथ ही केंद्र बजट की व्यवस्था तभी करेगा जब काम पूरा होगा। इस संबंध में सरकार ने सभी डेवलमेंट ब्लॉक्स को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस तरह से मनरेगा की तर्ज पर 14वें वित्तायोग से होने वाले विकास कार्य ESM सिस्टम से होंगे।
बचा अनुदान भी लिया जाएगा वापिस
इससे पहले पंचायत प्रधानों को सीधे बजट की व्यवस्था होती थी। नई व्यवस्था में यह भी शामिल है कि जिन प्रधानों के खाते में केंद्र का अनुदान शेष है, वह भी जल्द वापस लिया जाएगा। केंद्र अब पैसा जरूरत होने पर जारी करेगी।
इस खबर की पुष्टि बीडीओ मैहला रमेश कुमार ने की है। गौरतलब है कि इससे पहले बजट का आवंटन प्रधान को किया जाता था, जिसके चलते कामगारों और सामग्री विक्रेताओं का पैसा फंस जाता था। पैसों के लिए पंचायत प्रधानों के पास चक्कर लगाने पड़ते थे। अधिकतर पंचायतों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। इसलिए अब नई गाइडलाइन के अनुसार कार्य होगा।