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थिंक टैंक ही नहीं, बल्कि एक्शन ओरिएंटेड है नीति आयोग: राजीव कुमार

समाचार फर्स्ट डेस्क |

'नीति आयोग' जिसकी देश में भूमिका थिंक टैंक के तौर पर मानी जाती है, असल में योजनाओं के सूत्रपात लेकर उसे लागू करने में भी अहम भूमिका रहती है। नीति आयोग देश को विकास के हर पैमाने पर अव्वल बनाने के लिए 2047 को लक्ष्य मानकर काम कर रहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित 'केसी शेनमार मेमोरियल' कार्यक्रम में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत को विकास के शीर्ष पर ले जाने के लिए 2047 को लक्ष्य के रूप में देखना चाहिए। ताकि, जब देश आजादी के 100 साल का जश्न मनाए, तब भारत विकास के शिखर पर भी अव्वल रहे। 

वीरवार को पंजाब यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में राजीव कुमार के साथ नीति आयोग के दूसरे सदस्य डॉक्टर विनोद पॉल भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर विनोद पॉल के किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत आगामी दिनों में हेल्थ सेक्टर में अपने बेहतरीन काम की बदौलत दुनिया में एक मॉडल के रूप में स्थापित होने वाला है।

लोगों को संबोधित करते हुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने देश के भावी विकास का ख़ाका पेश किया। राजीव कुमार ने बताया कि नीति आयोग ना सिर्फ योजनाओं को बनाने बल्कि उन्हें देश के हर-एक हिस्से में प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी विशेष बल दे रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में राजनीति, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था का बेहतरीन चिंतन पेश किया। राजीव कुमार ने देश की विकास को गति देने के लिए 6 प्रमुख चुनौतियों से निपटने की बात कही, इनमें,

  1. भ्रष्टाचार मुक्त
  2.  ग़रीब मुक्त
  3.  गंदगी मुक्त
  4.  आंकवाद मुक्त
  5. सांप्रदायिकता एवं जातिवाद मुक्त
  6.  स्वच्छ ऊर्जा

इन 6 अहम बिंदुओं पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने विशेष बल देने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि देश में विकास के लिए जरूरी है कि साथ-साथ हम स्वच्छता को भी तरजीह दें। उन्होंने इसके लिए स्वच्छ ऊर्जा और नदियों की स्वच्छता पर विशेष बल दिया।

विकास के अभी कई पड़ाव बाकी हैं

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि देश ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में काफी प्रगति किया है। अलबत्ता, राजनीति और समाजिक क्षेत्र में प्रगति के मामले में देश ने यूरोप के कई देशों को पीछे छोड़ दिया (मसलन, औरतों को वोट देने, हर संप्रदाय, लिंग और जाति को समानता का अधिकार शामिल हैं। ये राजनीतिक अधिकार यूरोप के भी कई देशों में बाद में आया)। लेकिन, कुछ मामलों में भारत का आर्थिक विकास संतोष जनक नहीं रहा है। उन्होंने भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए आर्थिक पक्ष पर विशेष बल देने की बात कही। उनके मुताबिक भारत को दुनिया की नंबर वन ताकत बनने के लिए 10 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ रेट लेकर चलना होगा।

राजीव कुमार ने भारत की संपूर्ण प्रगति के लिए वर्ष 2047 का टारगेट पेश किया। उनके मुताबिक जब देश की आजादी के 100 साल पूरे हैं, तो विकास के हर पैमाने पर मजबूती दिखाई दे।

कुपोषण और रोगमुक्त भारत का लक्ष्य

सामाजिक पहलू पर राजीव कुमार ने देश को कुपोषण और रोगमुक्त करने की बात कही। उन्होंने बताया कि आगामी वर्षों में सरकार का लक्ष्य इन चुनौतियों का पूरी तरह से सफाया करना है।

गौरतलब है कि भारत में अभी भी 26 फीसदी कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं। देश की आबादी के लगभग 23 करोड़ 30 लाख बच्चे कुपोषित हैं। ऐसे में स्वस्थ और सुशिक्षित बच्चों का भारत तैयार करना एक बड़ी चुनौती है।

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने कहा कि 'विकास' देश में जनक्रांति बनता जा रहा है और बहुत जल्द दुनिया के सामने भारत विकास का एक मॉडल बनकर उभरने वाला है।