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मोदी सरकार के बजट से हिमाचली लोगों की ये हैं उम्मीदें, जानिए

<p>आम बजट 2018-19 को लेकर हिमाचल प्रदेश की जनता में काफी बेकरारी है। मसलन, बजट कैसा रहने वाला है? अपने आखिरी पूर्णकालिक बजट में क्या वित्त मंत्री अरुण जेटली जनता को बड़ी राहत देंगे? इन सवालों को लेकर जनता बजट सत्र को लेकर काफी बेसब्र है।&nbsp;</p>

<p>समाचार फर्स्ट ने हिमाचल के शिमला, हमीरपुर , धर्मशाला और मंडी में आम लोगों से बजट के संबंध में राय ली। लोगों ने टैक्स स्लैब में छूट, रोजगार के अवसर, बढ़ती महंगाई, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजमर्रा की चुनौतियों जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखी…।&nbsp;</p>

<p><strong>5 लाख तक की आमदनी पर मिले टैक्स में छूट </strong></p>

<p>शिमला के एक प्राइवेट फर्म में काम करने वाली मानसी जिंटा का कहना है कि सरकार को बढ़ती महंगाई से आम जनता को राहत देनी चाहिए। जिंटा के मुताबिक सरकार अगर टैक्स स्लैब में छूट देती है तो शायद मध्यम वर्ग से कुछ आर्थिक भार कम होगा। जिंटा के साथ मौजूद दूसरे लोगों ने भी कहा कि अगर सरकार टैक्स में ढील देती है तो यह बड़ी अहम बात होगी। यहां के अधिकांश लोगों ने 5 लाख रुपये तक कोई टैक्स लागू नहीं करने की बात कही।</p>

<p><strong>रोजगार के अवसर पैदा करे सरकार </strong></p>

<p>वहीं, धर्मशाला में महेंद्र कपूर का कहना है कि सरकार को रोजगार के अवसर पर विशेष बल देना होगा। क्योंकि, वर्तमान सरकार की सबसे बड़ी चुनौती रोजगार रही है। प्रत्यक्ष रूप से कहीं भी रोजगार सृजन के बड़े उदाहरण नहीं मिलते। चूंकि, इस सरकार का यह आखिरी बजट है, ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए भी कुछ सुध लेनी चाहिए और ठोस रूप में रोजगार का बेहतर मौके पैदा करने चाहिए।</p>

<p><strong>बढ़ती महंगाई पर लगाए लगाम </strong></p>

<p>हमीरपुर में नीतू धीमान का कहना है कि सरकार को बजट में महंगाई को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान करने चाहिए। रसोई के सामानों में जरूरत से ज्यादा बढ़ोतरी होती है। इसलिए सरकार को इसमें एक स्थायित्व लाने का इंतजाम करना होगा। नीतू के साथ दीपक कुमार का कहना था सरकार को पेट्रोलियम तेल को लेकर भी ठोस नीति सामने रखनी होगी। रोज-रोज तेल की बढ़ती कीमतों में ने आम आदमी की जेब में आग लगा दी है।</p>

<p><strong>छोटे उद्योगों को बढ़ावा दे सरकार </strong></p>

<p>मंडी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले निलेश शर्मा बताते हैं कि सरकार एक दिन में देश की इतनी बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया नहीं करा सकती है। लिहाजा, उसे छोटे और नए उद्योग लगाने वालों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करे। अभी तक सरकार का अधिकांश प्रदर्शन कागजों पर बेहतर रहा है। चाहें, वह मुद्रा योजना हो या स्टैंड अप योजना। सरकार को जमीनी स्तर पर इसे आसान बनाने की दिशा में काम करने होगा। सरकार बड़े निवेशकों की जगह छोटे निवेश को आकर्षित करने के लिए योजना बनाए।&nbsp;</p>

<p><strong>खेती के यंत्रों पर मिले विशेष छूट </strong></p>

<p>कांगड़ा में ही खेती का काम करने वाले मनीष चंद्र, मनोज सूद और दीपक कुमार का कहना था कि सरकार कृषि यंत्रों पर विशेष सब्सिडी दे। आज के दौर में खेती का काम काफी महंगाई हो गया है। सरकार को इस बार बजट में कृषि के उद्धार के लिए विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले सरकार ट्रैक्टर और दूसरी मशीनों के दाम करने का बंदोबस्त करे। ताकि, किसान आसानी से जरूरी साजो-समान खरीद सके और खेती को विस्तार दे।</p>

<p><strong>एजुकेशन की गुणवत्ता को बढ़ाए सरकार </strong></p>

<p>हमीरपुर में निहारिका, दिपाली और वीरेंद्र कश्यप जैसे युवा छात्रों ने भी समाचार फर्स्ट के साथ अपनी बात साझा की। इन युवा छात्रों की चिंता थी कि वर्ल्ड के बड़े शिक्षण संस्थानों की टॉप रैंकिंग में भारत के किसी भी विश्व-विद्यालय का स्थान नहीं है। सरकार को चाहिए को वह हमारे देश की यूनिवर्सिटीज से पॉलिटिक्स हटाकर टॉप क्लास एजुकेशन पर जोर दे। आज जरूरत है कि देश के हर कोने में नाम मात्र के लिए आईआईटी या आईआईएम या फि एम्स ना खोले जाएं, बल्कि इनके यहां तकनीक और क्वालिटी का भी बंदोबस्त किया जाए।</p>

<p><strong>1 फरवरी को पेश होगा बजट </strong></p>

<p>गुरुवार को पेश होने वाले इस सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट में माना जा रहा है कि जनता को विशेष राहत मिल सकती है। जिस तरह हिमाचल की जनता ने अपनी आकांक्षाएं मोदी सरकार से रखी हैं, जानकार मान रहे हैं कि उनमें से कुछ की पूरी हो सकती हैं। मसलन, मौजूदा टैक्स स्लैब में परिवर्तन किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोगों को विशेष राहत सरकार दे सकती है।</p>

<p>इसके अलावा खुदरा महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार मिडल इनकम ग्रुप खासकर नौकरी पेशा को ध्यान में रखकर टैक्स स्लैब में बारे में विचार कर रहा है।</p>

<p>आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया था। लेकिन छोटे करदाताओं को मामूली राहत देते हुए 2.5 लाख से पांच लाख तक की सालाना आय वाले इंडिविजुअल के लिए कर दरें 10 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दी थी।</p>

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