प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को स्वामी विवेकानंद के शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती के मौके पर देश के युवाओं को संबोधित कर रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहे इस कार्यक्रम का थीम 'यंग इंडिया न्यू इंडिया ए रिसर्जेंट नेशन: संकल्प से सिद्धि तक' है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम सारा कचरा भारत मां पर डालें और फिर वंदे मातरम बोलें, क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है, 50 बार सोच लीजिए। हम लोग पान खाकर भारत मां पर पिचकारी मारें और वंदे मातरम बोलें। उन्होंने कहा अगर सही मायने में वंदे मातरम कहने का पहला हक किसी को है तो वह सफाई का काम करने वालों का है।
विवेकानंद ने कहा था पूजा पाठ से नहीं जनसेवा से मिलते हैं भगवान
-अगर हम लड़कियों में समान नहीं समझते हैं, उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं देते हैं तो फिर हमें स्वामी विवेकानंद के भाषण पर तालियां बजाने पर 50 बार सोचना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने हमारे समाज में घुस चुकी हर सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। जब देश में रीति रिवाजों का दौर था उस समय भी विवेकानंद ने कहा कि मंदिर में जाकर भगवान का गुणगान करने, पूजा करने से कुछ नहीं होगा, जनसेवा करने से भगवान मिलेंगे।
2003 से पहले 1893 में भी हुआ था 9/11
वे दुनिया में जाकर भारत का गुणगान करते थे लेकिन जब यहां आते थे तो यहां की बुराइयों पर कठोरता से वार करते थे। विवेकानंद ने दुनिया का भारतीय संस्कृति से परिचय कराया था। उन्होंने कहा कि आज 9/11 है, यह दिन 2001 के बाद जाना जाने लगा, लेकिन 1893 में भी 9/11 हुआ था, जिसे हम याद करते हैं।