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जालंधर नगर निगम के जरिए लोगों को झूठे नोटिस भेजकर की जाती थी रिश्वत वसूली
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जांच एजेंसी ने विधायक के ठिकानों पर छापेमारी कर जुटाए सबूत
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सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से चलता था संगठित नेटवर्क
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भ्रष्टाचार के खिलाफ मान सरकार ने अपनाया ‘जीरो टॉलरेंस’ का रुख
चंडीगढ़/जालंधर, 23 मई 2025 — पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ा और साहसिक कदम उठाते हुए अपनी ही पार्टी के विधायक पर कार्रवाई की है। जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक रमन अरोड़ा पर नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से झूठे नोटिस भेजकर अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, एक विशेष जांच एजेंसी ने रमन अरोड़ा के निजी आवास, कार्यालय और जालंधर नगर निगम के कार्यालयों पर छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी को डिजिटल सबूत, महत्वपूर्ण दस्तावेज, और बयान मिले हैं, जो इस संगठित भ्रष्टाचार नेटवर्क की पुष्टि करते हैं।
यह आरोप है कि निगम अधिकारी रमन अरोड़ा के निर्देशों पर व्यापारियों, दुकानदारों और आम नागरिकों को मनगढ़ंत कारणों से नोटिस भेजते थे। इसके बाद उनसे मामले को “सुलझाने” के नाम पर मोटी रकम की रिश्वत ली जाती थी। ऐसा एक सुनियोजित रैकेट की तरह किया जा रहा था, जिसकी कमान कथित रूप से विधायक अरोड़ा के हाथ में थी।
भगवंत मान सरकार की ओर से इस कार्रवाई को एक कड़ा संदेश माना जा रहा है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले में किसी को नहीं बख्शेगी, चाहे वह सत्ता पक्ष का विधायक ही क्यों न हो। इस कार्रवाई को विपक्ष ने तो सराहा ही है, वहीं AAP के समर्थक भी इसे पार्टी की आंतरिक पारदर्शिता और ईमानदारी का उदाहरण मान रहे हैं।
यह पहली बार है जब पंजाब में सत्ताधारी दल के विधायक के खिलाफ खुद उसकी पार्टी की सरकार ने इतनी स्पष्ट और कड़ी कार्रवाई की है। यह कदम सरकारी संस्थानों की साख बहाल करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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