चमार रेजीमेंट की बहाली की मांग पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना में चमार रेजिमेंट की बहाली की मांग की है। आयोग के चेयरमैन राजेश बाघा ने मांग की है कि इससे अनुसूचित जाति के युवाओं को देश सेवा का बेहतर मौका मिलेगा।
राजेश ने साथ ही प्रधानमंत्री से किसी विश्वविधालय में चमार रेजीमेंट की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए सेट-अप तैयार करने की मांग की है। रेजीमेंट के इतिहास को देखते हुए कमीशन ने बताया कि अनुसूचित जाति की इस रेजीमेंट को ब्रिटिश राज के समय कमेटी की सिफारिशों के तहत तैयार की थी ताकि भारत में लड़ाकी रेस के लोग मिल सके।
पीएम को लिखे पत्र में राजेश ने कहा है कि अनुसूचित जाति में लड़ाकी रेस को पहचानने के लिए रिसर्च की गई थी जिसमें चमार और महार जाति के लोगों का युद्ध में शामिल होने का इतिहास था। जिसकी बजह से 1943 में ब्रिटिश सरकार ने चमार रेजिमेंट तैयार की थी।
चमार रेजिमेंट का इतिहास
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अंग्रेज सरकार ने थलसेना में चमार रेजीमेंट बनाई थी, जो 1943 से 1946 तक अस्तित्व में रही। दलितों के कल्याण से जुड़े संगठनों एवं जाटव का दावा है कि वीर चमार रेजीमेंट को अंग्रेजों ने प्रतिबंधित कर दिया था। रक्षा मंत्री को लिखे पत्र में दावा किया गया है कि अंग्रेजों ने चमार रेजीमेंट को आजाद हिंद फौज से मुकाबला करने के लिए अंग्रेजों ने सिंगापुर भेजा. इस रेजीमेंट का नेतृत्व कैप्टन मोहनलाल कुरील ने किया था।
जहां कैप्टन कुरील ने देखा कि अंग्रेज चमार रेजीमेंट के सैनिकों के हाथों अपने ही देशवासियों को मरवा रहे हैं. उन्होंने चमार रेजीमेंट को आईएनए में शामिल कर अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करने का निर्णय लिया. इसके बाद अंग्रेजों नें 1946 में चमार रेजीमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया.
आजादी के बाद से ही चमार रेजीमेंट बहाल किए जाने की आवाज कई बार उठाई गई, लेकिन आवाज दबकर रह गई. दलित इस रेजीमेंट को बहाल करने के लिए कई राज्यों में प्रदर्शन कर चुके हैं.
रेजीमेंट पर लिखी गई है किताब
हवलदार सुलतान सिंह ने ‘चमार रेजीमेंट और अनुसूचित जातियों की सेना में भागीदारी’ शीर्षक से किताब लिखी। दूसरी किताब सतनाम सिंह ने ‘चमार रेजीमेंट और उसके बहादुर सैनिकों के विद्रोह की कहानी उन्हीं की जुबानी’ नाम से लिखी।
इस समय सेना में मराठा लाइट इन्फेंट्री, राजपूताना राइफल्स, राजपूत रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, नागा रेजिमेंट, गोरखा रेजीमेंट है.