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अफगानिस्तान में आए फेरबदल के बाद क्वॉड (QUAD) देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों की पहली इन-पर्सन मीटिंग शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हुई। भारत ने अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम में पाकिस्तान की भूमिका उठाते हुए पड़ोसी देश के आतंकवाद में शामिल होने का मुद्दा उठाया।
अफगानिस्तान में तालिबान की बड़ती पकड़ और पाकिस्तान की सक्रियता को देखते हुए अमेरिका ने भी इस पर जोर दिया। दोनों देश अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटने की अहमियत समझते हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि द्विपक्षीय चर्चाओं और QUAD शिखर सम्मेलन में स्पष्ट भावना बनी है कि अफगानिस्तान और आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को ज्यादा सतर्कता से देखा जरूरी है। पाकिस्तान पड़ोसी इलाकों में खुद को सहयोगी बताता है पर असल में समस्याओं की वजह वे खुद ही है। इंडो-पैसिफिक में स्थिरता के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे कभी-कभी अनदेखा कर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कही ये बातें…
QUAD में भारत का सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ- साथ पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेगा। QUAD वैक्सीन पहल से इंडो-पैसिफिक देशों को मदद मिलेगी। QUAD वैश्विक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी जैसे अहम मुद्दों पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ मिलकर काम करेगा। इस संगठन ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति बाइडेन बोले…
QUAD लोकतांत्रिक देशों का समूह है, जिनके हित एक हैं। चारों देश इस समय एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास करते हैं। वैक्सीनेशन के इनिशिएटिव को लेकर हमारा प्लान ट्रैक पर है। हम भारत में 1 बिलियन डोज का जल्द उत्पादन करेंगे, ताकि ग्लोबल सप्लाई बेहतर हो सके। बाइडेन ने नई QUAD फैलोशिप का ऐलान किया। यह भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के छात्रों को मिलेगी।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा…
QUAD ग्रुप से यह साबित होता है कि लोकतंत्र देश मिलकर कितनी अच्छी तरह से काम कर सकते हैं। दुनिया का कोई भी हिस्सा इस समय इंडो-पैसिफिक से ज्यादा गतिशील नहीं है।
जापान के प्रधानमंत्री सुगा बोले…
QUAD समिट हमारे साझा संबंधों और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।