आधार कार्ड को बैंक और मोबाइल से लिंक करवाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे इसकी अहमियत समझ आती है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है उसे जिसने भी सुना हैरान रह गया। यहां फटेहाल कपड़ों में भीख मांग रहे एक बुजुर्ग के कपड़ों की तलाशी ली गई तो पता चला कि वह करोड़पति है। मिली जानकारी के मुताबिक, यहां की सड़कों पर एक बुजुर्ग फटेहाल कपड़ों में भीख मांग रहा था। ये भिखारी गली गली खाने की खोज में भटकता था और मानसिक रूप से संतुलन खो बैठा था। बुजुर्ग शख्स को जब एक स्कूल के संस्थापक स्वामी भास्कर स्वरूप जी महराज की नजर पड़ी और उसे वह अपने आश्रम में ले आए।
स्वामी के सेवकों ने भिखारी को नहलाने-धुलाने के बाद उसके कपड़ों को तलाशी ली तो उसकी जेब से मिले आधार कार्ड के सहारे संपर्क करने पर पता चला कि वह बुजुर्ग तमिलनाडु का करोड़पति व्यापारी है। उससे आधार कार्ड सहित एक करोड़ छह लाख 92 हजार 731 रुपये के एफडी के कागजात भी बरामद हुए।
उसके पास से एक छह इंच लंबी तिजोरी की चाबी भी बरामद हुई। स्वामी जी के द्वारा कागज से मिले पते पर सूचना दी गई तो उसकी पुत्री रालपुर पहुंची और अपने पिता को साथ ले गई। स्वामी ने बताया कि बुजुर्ग के पास आधार कार्ड से उसकी पहचान मुथैया नादर पुत्र सोलोमन पता-240 बी नार्थ थेरू, तिरूनेलवेली तमिलनाडु, 627152 के रूप में हुई।