तमिलनाडु। कल्लाकुरिची जिले में चिन्ना सलेम के पास कनियामूर में एक निजी आवासीय स्कूल में पढ़ रही 17 वर्षीय एक लड़की की मौत पर रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी स्कूल परिसर में घुस गए जहां कथित तौर पर आत्महत्या से लड़की की मौत हो गई और संपत्ति में तोड़फोड़ की. आंदोलन के दौरान कई बसों को भी आग के हवाले कर दिया गया. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हिंसा के मद्देनजर एक बयान जारी कर शांति की अपील की है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. बाद में अतिरिक्त 500 कर्मियों को साइट पर तैनात किया गया था. पुलिस महानिदेशक ने कहा स्कूल पर हमला करने वाले सभी लोगों को कानून और व्यवस्था की स्थिति को तोड़ने के लिए गिरफ्तार किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “लोगों का एक छोटा समूह स्कूल में विरोध करने आया था. प्रदर्शनकारियों के लिए इंतजाम किए गए थे लेकिन बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए. शांतिपूर्ण विरोध के बजाय, उन्होंने हमला करना शुरू कर दिया तब पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया. अब 500 पुलिस कर्मियों को भेजा गया है. हम स्कूल पर हमला करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहते हैं, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. हमारे पास वीडियो भी हैं.’
इस बीच, स्टालिन ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया. ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, उन्होंने लिखा, “हिंसा मुझे चिंतित करती है. स्कूली छात्रा की मौत पर पुलिस की जांच खत्म होने पर आरोपी को सजा दी जाएगी. मैंने डीजीपी और गृह सचिव को कल्लाकुरिची की यात्रा करने के लिए कहा है. मैं लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.”
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने कल्लाकुरिची के मुख्य शिक्षा अधिकारी को घटना पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि चिन्नासलेम के एक निजी आवासीय स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17 वर्षीय लड़की 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत पाई गई थी. ऐसा बताया रहा है कि छात्रा ने खुद अपनी जीवन लीला समाप्त करी है लेकिन एक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कथित तौर पर संकेत दिया गया था कि उसकी मृत्यु से पहले उसे चोटें आई थीं.
पुलिस के द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. ”शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि “स्कूल की लड़की की प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हुई, हमने मामला दर्ज कर दिया है और पीड़िता के माता-पिता ने एक और पोस्टमॉर्टम के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.