भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने एक अधिसूचना में इसे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश के द्वारा स्थानीय कीमतों पर लगाम लगाने की एक कोशिश कर दिया है। सरकार ने कहा है कि पहले जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए गेहूं के शिपमेंट की अनुमति रहेगी।
फरवरी के अंत में रूस की ओर यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात गिरने के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत पहुंच रहे थे।
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 15 अप्रैल को एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय किसान दुनिया के पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत से गेहूं के इम्पोर्ट को मंजूरी दी है। दुनिया में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख (10 मिलियन) टन पार कर जाएगा।
अब देश में हालात बदल गए हैं। एमएसपी से अधिक कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी के कारण सरकारी खरीद प्रभावित हुई है। सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। आपको बता दें कि इन दिनों बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है।
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