राजस्थान के दौसा के लालसोट कस्बे में महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने भाजपा के प्रदेश सचिव जितेंद्र गोठवाल समेत दो लोगों को रंगदारी और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया। गोठवाल ने एक सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर प्रियंका गांधी को ट्रेन की टिकट भेजकर राजस्थान आने का न्योता दिया था।
गोठवाल ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘कल आधी रात को मुझे गिरफ्तार करने जयपुर आवास पर पहुंची पुलिस… लालसोट की डॉ. अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज किया गया झूठा मामला… आईपीसी की धारा 306.. लगाई।’ गोठवाल ने आरोप लगाया कि ‘राज्य सरकार कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को ट्रेन का टिकट भिजवाने का बदला ले रही है।’ बती दें कि गोठवाल ने रविवार को प्रियंका गांधी वाद्रा के नाम से दिल्ली से जयपुर के लिए ट्रेन का टिकट बुक कराते हुए उनसे जयपुर आने का न्योता दिया ताकि वे यहां महिला अत्याचारों को देख सकें।
पुलिस के अनुसार इस मामले में गोठवाल के साथ गिरफ्तार अन्य लोगों में राम मनोहर भी शामिल हैं। दोनों पर आईपीसी की धारा 384, 388 और 306 (जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए गोठवाल ने ट्वीट किया, ‘गहलोत सरकार अपनी गलती व नाकामी छुपाने के लिए मुझ बेगुनाह को षड्यंत्र पूर्वक फंसा रही है।’
राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट कस्बे में एक निजी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा ने मंगलवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके खिलाफ सोमवार को उनके निजी अस्पताल में एक गर्भवती की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था। उस अस्पताल के प्रबंध निदेशक और पीड़ित चिकित्सक के पति डॉ. सुनीत उपाध्याय ने एक वीडियो बयान में कहा कि उनकी पत्नी डॉ. अर्चना शर्मा ने मंगलवार सुबह, अपने खिलाफ हत्या के मामले की खबर पढ़ी औ इसकी वजह से परेशान और जेल जाने को लेकर डरी हुई थीं। गर्भवती महिला की मौत के मामले में इस डॉक्टर दंपती के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गर्भवती महिला की मौत के बाद सोमवार को अस्पताल के बाहर धरने में गोठवाल भी मौजूद थे और डॉ. उपाध्याय ने भी उन पर मामले में शामिल होने का आरोप लगाया। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्य के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स गुरुवार को दूसरे दिन भी बंद रहे। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं को इससे अलग रखा गया है। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को दौसा के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार को हटा दिया जबकि लालसोट के थानाधिकारी अंकेश कुमार को निलंबित किया गया है। लालसोट के क्षेत्राधिकारी शंकर लाल को भी वहां से हटा दिया गया है। मामले की प्रशासनिक जांच जयपुर संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव को सौंपी गई है।
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