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वर्ल्ड बैंक ने भारत समेत दक्षिण एशिया के सभी देशों में आर्थिक विकास में गिरावट का अनुमान जताया है। वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 8.7 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया है। वर्ल्ड बैंक ने इसके लिए बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार माना है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि यह स्थिति सिर्फ और सिर्फ रूस-यूक्रेन जंग की वजह से पैदा हुई है। युद्ध के कारण आपूर्ति सेवाएं बाधित हुई हैं, जिसकी वजह से मुद्रास्फीति का जोखिम लगातार बढ़ रहा है।
वर्ल्ड बैंक का मानना है कि भारत में घरेलू खपत कोरोना महामारी और मुद्रास्फीति के दबाव से श्रम बाजार की आधी-अधूरी रिकवरी से कहीं ना कहीं घरेलू खपत बाधित होगी। विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष हार्टविग शेफ़र ने एक बयान में कहा, “यूक्रेन में युद्ध के कारण तेल और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों का लोगों की वास्तविक आय पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
वहीं, वर्ल्ड बैंक ने भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का जीडीपी ग्रोथ 3.4% से बढ़ाकर 4.3% कर दिया है। इसी तरह आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर के अनुमान में मामूली वृद्धि की है। बैंक का अनुमान है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था 2.1 फीसदी की जगह 2.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वर्ल्ड बैंक ने अफगानिस्तान को छोड़कर साउथ एशिया के लिए ग्रोथ अनुमान में पूरे एक फीसद की कटौती है। अब यह 6.6 फीसदी है।