पांच बार मिसकैरिज का सदमा झेल चुकी महिला को जब फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में संतान सुख की प्राप्ति हुई, तो उसकी और उसके परिवार की खुशी का कोई ठीकाना नहीं था। क्योंकि यह वह पल था, जिसकी वह उम्मीद भी छोड़ चुके थे। साथ ही वे फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वानी शर्मा का तहेदिल से आभार व्यक्त करते नहीं थक रहे थे।
डॉ. वानी से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही जटिल केस था, जिसमें सफलता हासिल करना न के बराबर था। मरीज मधुबाला का फोर्टिस में ट्रिटमेंट चलने से पहले पांच बार गर्भपात हो चुका था। लेकिन फोर्टिस में अनुभवी स्टाफ एवं उपलब्ध संसाधनों के चलते यह संभव हो पाया।
डॉ. वानी शर्मा ने कहा कि इस केस में लैप्रोस्कॉपिक ट्रांसएब्डॉमिनल सरवाइकल एन्सेक्लेज तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक से गर्भपात को रेगुलर फोलोअप एवं एक्सपर्ट देखभाल के जरिए रोका जा सकता है। डॉ. वानी ने कहा कि इस सब के चलते भी इस केस में सफलता मिलना एक सपने जैसा था। लेकिन हम इसमें कामयाब रहे, आज मरीज मधुबाला की सुनी गोद भर गई है और उसके आंगन में बच्चे की किलकारियां गूंज रही हैं।