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खड़े होकर पानी पीते हैं तो इन समस्याओं को गले लगा रहे हैं आप…!!!

डेस्क |

अक्सर घर के बड़े और बुजुर्ग कहा करते हैं कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए। लेकिन उनका ये कहना एक तरह से आपको स्वास्थ्य लाभ देता था। क्योंकि खड़े होकर पानी पीने से आपके शरीर में कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। माना जा रहा है कि इस तरह पानी पीने से एक तो व्यक्ति की प्‍यास पूरी तरह नहीं बुझती। आइए जानते हैं खड़े होकर पानी पीन के ऐसे ही कई बड़े नुकसान…

  • ऑक्सीन सप्लाई रुक जाती है- खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। इसका असर न केवल फेफड़ों पर बल्कि दिल पर भी पड़ता है।
  • हर्निया की शिकायत- खड़े होकर पानी पीने से पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दबाव बनता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस बुरी आदत के चलते कई लोगों को हर्निया का शिकार होना पड़ता है।
  • जोड़ों में दर्द की शुरुआत- खड़े होकर पानी पीने की आदत की वजह से पानी का बहाव तेजी से आपके शरीर से होकर जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों पर बुरा असर पड़ता है। हड्डियों के जोड़ वाले हिस्से में तरल पदार्थ की कमी की वजह से जोड़ों में दर्द के साथ हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। कमजोर हड्डियों के चलते व्यक्ति गठिया जैसी बीमारी से पीड़ित हो सकता है।
  • किडनी पर असर-  जब कोई व्यक्ति खड़े होकर पानी पीता है, तो पानी बिना फिल्टर हुए निचले पेट की तरफ तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से पानी में जमा अशुद्धियां पित्ताशय में जमा हो जाती हैं। जो किडनी के लिए बहुत हानिकारक होती हैं।
  • अपच की समस्या- व्यक्ति जब बैठकर पानी पीता है तो मसल्स और नर्वस सिस्टम रिलैक्स होती हैं और पानी आसानी से पच जाता है। जबकि खड़े होकर पानी पीने से अपच की समस्या पैदा होती है।

आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति जिस पानी को पीने के लिए उपयोग करें उसका तापमान शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में बाहर से आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पीने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा न ज्यादा ठंडा और न बर्फ वाला पानी पीना चाहिए। पीने के लिए हमेशा नॉर्मल पानी का ही उपयोग करें।

नोट: मीडिया रिपोर्ट पर आधारित