गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज जटिल है और मरीज एक जगह से दूसरी जगह निदान के लिए भटकता रहता है। लेकिन अब फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में डॉ अंशुल गोयल ने सेवाएं आरंभ कर दी हैं। डॉ अंशुल गोयल एमडी मेडिसिन हैं, साथ ही अर्थराइटिस में फैलोशिप की है। डॉ अंशुल को अर्थराइटिस उपचार में बहुत ही उमदा अनुभव प्राप्त है और बहुत से मरीज उनसे उपचार लेकर बिलकुल स्वस्थ हो चुके हैं।
अर्थराइटिस पर जानकारी देते हुए डॉ अंशुल ने कहा कि अर्थराइटिस विभिन्न प्रकार का होता है। इसका इलाज रहेमाटॉलोजी साइंस आसानी से कर सकती है। उपचार न मिलने के कारण हाथ, घुटने, कूल्हे खराब हो जाते हैं और अर्थराइटिस का मरीज दूसरों पर निर्भर हो जाता है, इसलिए समय रहते इसका उपचार बहुत आवश्यक है।
साथ ही डॉ अंशुल गोयल ने कहा कि इसके अलावा गठिया के अन्य लक्षण में जोड़ों में दर्द एवं सूजन, लंबा बुखार, खून की कमी, सांस फूलना, गुर्दे में खराबी, मुंह सूखना, चमड़ी के रोग एवं यूरिक एसिड की समस्या आदि इसका जल्दी से जल्दी इलाज कराने से आदमी आम जिंदगी जी सकता है और अपने परिवार एवं काम पर पूरा ध्यान दे सकता है।
अभी तक इन बीमारियों के लिए मरीजों को बड़े शहरों में जाकर काफी पैसा खर्च करना पड़ता था। लेकिन अब गठिया का उपचार फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में उपलब्ध है। साथ ही रहेमाटॉयड अर्थराइटिस, अकीलॉसिंग स्पोंडिलिटीज, गॉउट, लूपुस, प्सॉरिंसिस, वास्कूलिटीज जैसी बीमारियों का उपचार भी फोर्टिस कांगड़ा में उपलब्ध है।