दुनियां में ऐसे बहुत से देश हैं जहां जाने के लिए भारतीय को वीजा की जरूरत पड़ती है. बिना वीजा के इन देशों में भारतीय को एंट्री नहीं मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां जाने के लिए खुद भारतीयों को भी परमिशन की जरूरत होती है.
इसे इनर लाइन परमिट या ILP भी कहा जाता है. इनर लाइट परमिट का नियम कोई नया नहीं है.
इनर लाइट परमिट की जरूरत बॉर्डर के स्थित या सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील जगहों में घूमने के लिए परमिशन चाहिए होती है. ऐसा इसलिए है ताकि इन जगहों पर लोगों की भीड़ को आने से रोका जा सके और इन जगहों में रहने वाले आदिवासियों के कल्चर को सुरक्षित रखा जा सके.
लद्दाख की सीमा चीन और पाकिस्थान को छूती है. जिस कारण इसे काफी सेंसेटिव क्षेत्र माना जाता है. पैंगोंग, खुरदुंगला पास और नुब्रा वैली जैसी जगहों के लिए स्पेशल परमिट की जरूरत होती है. वहीं, मणिपुर में जाने के लिए भी भारतीय को परमिट की जरूरत होती है. यहां जाने से पहले अपने साथ पासपोर्ट साइज फोटो और अपना मान्य पहचान पत्र जरूर लेकर जाएं.
बात दें कि लक्षदीप जाने के लिए भी यात्रियों को इनर लाइट परमिट की जरूरत पड़ती है. परमिट के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. इसके अलावा दस्तावेजों की जांच भी की जाती है. इनर परमिट मिलने के क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लक्षद्वीप में स्टेशन हाउस ऑफिसर के पास जमा करना होता है. यहां जाने के लिए ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर सकते हैं.
इसी के साथ सिक्किम के संरक्षित इलाके व मिजोरम की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश को छूती सीमा में घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है. नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश में भी घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत हैं. सिंगल परमिट और ग्रुप परमिट की कीमत प्रति व्यक्ति 100 रुपए है. यहां जाने के लिए ऑनलाइन भी परमिट ले सकते है.