बरसात का मौसम के शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में छोटे बच्चों को खतरनाक मच्छरों से बचा कर रखना चाहिए. छोटे बच्चों की त्वचा संवेदनशील होती है. वे जल्द ही किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. नवजात शिशु से लेकर 5 साल के बच्चे तक के बच्चों को मच्छर के काटने के कारण कई बीमारियां हो सकती हैं. जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया छोटी उम्र के बच्चो को होना खतरनाक साबित हो सकती है. इन बीमारियों के होने के लक्षण त्वचा को लाल होना, शरीर का तापमान बढ़ना, लगातार रोने जैसे लक्षण शिशु में दिखें, तो अलर्ट हो जाना चाहिए. यह मच्छर काटने के संकेत हो सकते हैं.
आइए जानते हैं मच्छर काटने के घरेलू उपचार
आपको बता दें कि मच्छर काटने के बाद एलोवेरा को उस जगह लगाने से खुजली और निशान गायब हो जाते हैं, क्योंकि एलोवेरा एंटीसेप्टिक एजेंट की तरह काम करती है. इसके साथ ही
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. अगर मच्छर काटने के बाद अक्सर शरीर पर खुजली या निशान हो जाएं, तो आप उस जगह पर हल्दी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
आपको बता दें कि शहद का भी उपयोग फायदेमंद साबित होता है. शहद में भी इन्फ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाएं जाते हैं. यह सूजन की समस्या को दूर करता है. मच्छर के काटने वाली जगह पर शहद लगा दिया जाए, तो मच्छर के काटने के बाद शरीर पर निशान और खुजली नहीं होगी.
नींबू का उपयोग करने का फायदा
अगर आप मच्छर के काटने के बाद होने वाली खुजली और निशान से परेशान हैं तो उस जगह पर नींबू का रस भी लगाने से सूजन और खुजली की समस्या दूर हो सकती है. नारियल का इस्तेमाल भी लोग अक्सर मच्छर के काटने पर करते हैं. नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी- माइक्रोबियम और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है. मच्छर के काटे गई जगह पर इसको लगाए, तो शरीर पर होने वाले निशान और खुजली नहीं होगी.