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अधूरी नींद शरीर ही नहीं दिमाग की सेहत के लिए भी है खतरा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

यदि आप पूरी नींद नहीं लेती है तो ये आपके दिमाग के लिए खतरनाक है। अधूरी नींद शरीर ही नहीं दिमाग के लिए भी खतरा है। अधूरी नींद शरीर ही नहीं दिमाग की सेहत के लिए भी खतरा हो सकती है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के दी रैमसे ने कहा कि कॉलेज जाने वाले छात्रों पर अपर्याप्त नींद से पड़ने वाला असर वाकई चौंकाने वाला है। अपर्याप्त नींद के साथ बीती हर रात दिमागी सेहत पर दुष्प्रभाव की आशंका बढ़ा देती है। इस शोध के मुताबिक, पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले छात्रों और एथलीट में एंजाइटी (चिंता), खुद को नुकसान पहुंचाने और खुदकशी करने जैसे विचार पैदा हो सकते हैं।  

शोधकर्ताओं का कहना है कि नींद पूरी न होने से छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इसीलिए छात्रों को चाहिए कि वह पूरी नींद लें। यूनिवर्सिटी ने अपने इस अध्ययन में एक लाख दस हजार 496 छात्रों को शामिल किया था, जिनमें 8,462 बच्चे एथलीट भी थे। इस शोध में पाया गया कि अपर्याप्त नींद से मूड खराब होने की आशंका 21 फीसद, निराशा व क्रोध की आशंका 24 फीसद, चिंता बढ़ने व खुद को नुकसान पहुंचाने की आशंका 25 फीसद और आत्महत्या का विचार आने की आशंका 28 फीसद तक बढ़ जाती है।

अच्छी और पर्याप्त नींद न मिलने से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां:

1. मधुमेह

अच्छी नींद नहीं मिलने पर शुगर से भरपूर और जंक फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।

2. ऑस्ट‍ियोपोरोसिस

अच्छी नींद नहीं लेने की वजह से हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा हड्डियों में मौजूद मिनरल्स का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इसके चलते जोड़ों के दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।

3. कैंसर

कई शोधों में ये बात सामने आई है कि कम नींद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में कोशिकाओं को भी काफी नुकसान होता है।

4. हार्ट अटैक

जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है। इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

5. मानसिक स्थिति पर असर

कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है। लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानी भी हो जाती है।