सोने से भी कीमती हैं इस पेड़ के फूल और पत्ते

<p>भारतीय इतिहास में पलाश का पेड़ प्रमुख स्&zwj;थान रखता है। इस पेड़ के लगभग सभी हिस्&zwj;से औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किये जाते हैं। भारत में पुजारियों द्वारा किये जाने वाले यज्ञों में पलाश की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। इससे प्राप्&zwj;त होने वाली गोंद बहुत से रोगों के उपचार में उपयोग की जाती है। साथ इस पेड़ से लाख भी प्राप्&zwj;त होती जिसका उपयोग पलाश के फायदे को और अधिक बढ़ा देते हैं। पलाश का वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea Monosperma) है।</p>

<p>ये तो सभी जानते हैं कि पौधों में शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने की क्षमता के अलावा वास्तुदोष मिटाने की क्षमता भी है इसीलिए कुछ लोग अपने मकान के बगीचे में इसी तरह के पौधे लगाते भी हैं। कई पौधे तो ऐसे हैं जिनके घर में होने से धन और समृद्धि बढ़ती है तो कई असाधारण चमत्का&zwj;र से संपन्न होते हैं।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(2933).jpeg” style=”height:375px; width:671px” /></p>

<p><strong><span style=”color:#ff0000″>आइए, जानते हैं चमत्कारिक पौधे के बारे में…</span></strong></p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>मोतियाबिंद के इलाज में पलाश के फायदे</strong></span></p>

<p>आयुर्वेद के अनुसार पलाश के फायदे मोतियाबिंद के उपचार को दर्शाता है। इस उद्देश्&zwj;य के लिए के लिए आपको पलाश के फूलों के रस की आवश्&zwj;यकता होती है या फिर आप पलाश के बीजों को पानी में भिगों कर छोड़ दें और 48 घंटों के बाद पानी से निकालकर इसका लेप (Pasta) बनाएं। इस पेस्&zwj;ट को आप अपनी आंखों में काजल की तरह लगाएं। इस तरह आप इस पेस्&zwj;ट का नियमित रूप से उपयोग कर धीरे-धीरे मोतियाबिंद (Cataracts) के प्रभाव को कम कर सकते हैं।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>पलाश के फूल पेट के संक्रमण के लिए</strong></span></p>

<p>यदि आप किसी भी तरह की पेट की समस्&zwj;याओं जैसे कि आंतरिक घावों, अल्&zwj;सर आदि से परेशान हैं तो आप पलाश फूल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके पेट और आंत से संबंधित सभी प्रकार की समस्&zwj;याओं को दूर करने में मदद करता है। पेट की समस्&zwj;याओं को दूर करने के लिए आप 2-3 ग्राम पलाश फूल के पाउड़र का उपभोग करें।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>पलाश के फूल के फायदे बुखार के लिए</strong></span></p>

<p>यदि आपके शरीर का तापमान हमेशा अधिक (38 डिग्री सेल्सियस से अधिक ) बना रहता है तो यह बुखार होने की संभावना को दर्शाता है। पलाश के फायदे उन लोगों के लिए भी है जिन्&zwj;हें अक्&zwj;सर बुखार आता है। ऐसी स्थिति में आप पलाश के फूलों को पीस कर इसका रस निकालें, इस रस को चीनी और दूध के मिश्रण में मिला कर सेवन करें। यह मिश्रण आपके शरीर के अधिक तापमान को नियंत्रित कर इससे संबंधित सभी प्रकार की समस्&zwj;याओं को दूर करने में आपकी मदद करता है। शरीर के अतिरिक्&zwj;त गर्मी की समस्&zwj;या से छुटकारा पाने के लिए आपको रोजाना 3-4 चम्&zwj;मच मिश्रण का सेवन करना चाहिए।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>पलाश के फूल के फायदे सूजन को कम करे</strong></span></p>

<p>य&zwj;दि आप किसी चोट की सूजन से परेशान हैं तो आप इसके लिए पलाश के फूल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक वृक्ष है जो कि आपकी बहुत सी परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है। सूजन को दूर करने के लिए पलाश के फूल बहुत ही प्रभाव कारी होते हैं। आप पानी की भाप में या हल्&zwj;की आंच में पलाश के फूलों को गर्म करें और सूती कपड़े की सहायता से इन गर्म फूलों को प्रभावित क्षेत्र में बांधें। ऐसा करने से आप गठिया, चोट, मस्तिष्&zwj;क आदि की सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। पलाश के फायदे ऐसी समस्&zwj;याओं के प्रभावकारी निदान के लिए जाने जाते हैं।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>गले के दर्द में पलाश के पत्ते के फायदे</strong></span></p>

<p>गले के संक्रमण या दर्द के उपचार के लिए पलाश के पत्ते के फायदे लिए जा सकते हैं, पलाश की कुछ पत्तियों को तोड़ें और इनको पीस कर इसका रस निकाल लें। इस रस को पानी में मिलाकर इससे गरारा (gargle) करें। यह आपके गले की तकलीफ को दूर करने और रहात दिलाने में आपकी मदद करेगा।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>पलाश का उपयोग मधुमेह के लिए फायदेमंद</strong></span></p>

<p>मधुमेह के प्रभाव को कम करने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप पलाश के सूखे फूलों के पाउडर को कैंडी चीनी (candy sugar) के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार करें। स्&zwj;वाभाविक रूप से आप अपने शरीर में चीनी के स्&zwj;तर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 1.5 से 2 ग्राम तक इस मिश्रण का सेवन करें। या फिर आप पलाश के फूलों को एकत्रित कर सुखा लें। पहले दिन एक फूल को एक कप पानी में रात भर भींगने दे और सुबह इस पानी का सेवन करें। इस तरह पांचवे दिन तक फूलों की संख्&zwj;या बढ़ाते रहें और फिर इसी तरह इन फूलों की संख्&zwj;या को घटाते हुए इस पानी का सेवन करें। यदि आप ऐसा लगातार दो से ढ़ाई माह तक करते हैं तो आप अपने शरीर में चीनी के स्&zwj;तर में प्रभावी अंतर पा सकते हैं।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>मासिक धर्म के समय पलाश के लाभ</strong></span></p>

<p>यदि आप मासिक धर्म अवधि के समय अनियमित रक्&zwj;तस्राव की समस्&zwj;या से परेशान हैं तो पलाश के फायदे आपको इस समस्&zwj;या से छुटकारा दिला सकते हैं। इस समस्&zwj;या को हल करने के लिए नियमित रूप से 2-3 माह तक आप रात में सोने से पहले पलाश के पत्&zwj;तों का 3-4 चम्&zwj;मच रस का सेवन करें। यह मासिक धर्म से संबंधित समस्&zwj;याओं को हल करने का प्रभावी तरीका हो सकता है।</p>

<p><span style=”color:#336600″><strong>पलाश फ्लावर के गुण नपुंसकता को दूर करे</strong></span></p>

<p>पुरुषों में नपुंसकता (impotency) की बीमारी को दूर करने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जाता है। इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए पलाश के फूलों को इकहठ्ठा कर सुखा लें और इनका पाउडर तैयार करें। इस पाउडर में कैंडी चीनी मिलाएं और नपुंसकता को दूर करने के लिए एक गिलास दूध में लगभग इस मिश्रण की 3 ग्राम मात्रा मिला कर सुबह और शाम इसका सेवन करें। यह पुरुषों की प्रजनन (Reproduction) संबंधी सभी समस्&zwj;याओं को दूर करने में मदद करता है।</p>

<p><span style=”color:#009900″><strong>खांसी के लिए पलाश के गोंद के फायदे</strong></span></p>

<p>आंतों से संबंधित समस्&zwj;याओं को हल करने का सबसे अच्&zwj;छे विकल्&zwj;प के रूप में पलाश की गोंद का उपयोग किया जा सकता है। पलाश की गोंद के फायदे खांसी, स्&zwj;टेमाइटिस (मौखिक गुहा में सूजन), अत्&zwj;यधिक पसीना से राहत दिलाते हैं। पलाश की गोंद का उपयोग दस्&zwj;त और खसरा के इलाज के लिए भी किया जाता है। गोंद का घोल (डिकोकेशन) या जलसेक एनीमा (enema) के रूप में प्रयोग किया जाता है।</p>

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