Follow Us:

जाति बंधन के ख़िलाफ़ नंगेली ने ‘ब्रेस्ट टैक्स’ के लिए काट दिए अपने स्तन

पी. चंद, शिमला |

जाति और धर्म के आधार पर संघर्ष सदियों से चला आ रहा है। आज़ादी के बाद उम्मीद थी कि जाति धर्म के बंधन ख़त्म हो जाएंगे। लेकिन आज भी जाति धर्म के नाम पर देश में बवाल होता रहता है। आरक्षण पर भी सवाल उठते रहे हैं। ये फ़ोटो भी जाति के बंधन को दर्शाती है। नंगेली नामक महिला जो कि केरल को थी डेढ़ सौ साल पहले केरल में जातिवाद की जड़ें बहुत गहरी थीं और निचली जातियों की महिलाओं को उनके स्तन न ढकने का आदेश था। उल्लंघन करने पर उन्हें 'ब्रेस्ट टैक्स' यानी 'स्तन कर' देना पड़ता था।

कहा जाता है कि नंगेली नामक महिला ने इसके ख़िलाफ़ जो किया वह न इससे पहले इतिहास में हुआ न कभी शायद होगा। क्योंकि नंगेली ने स्तन ढकने के अधिकार के लिए अपने ही स्तन काट दिए  थे। कहानी उस समय की है जब केरल के बड़े भाग में ब्राह्मण त्रावणकोर के राजा का शासन था। केरल के हिंदुओं में जाति के ढांचे में नायर जाति को शूद्र माना जाता था जिनसे निचले स्तर पर एड़वा और फिर दलित समुदायों को रखा जाता था।

बताया जाता है कि कर मांगने आए अधिकारी ने जब नंगेली की बात को नहीं माना तो नंगेली ने अपने स्तन ख़ुद काटकर उसके सामने रख दिए। कहा जाता है कि  स्तन काटने के बाद ख़ून ज़्यादा बह जाने से नंगेली की मौत हो गई। ये भी जिक्र आता है  कि नंगेली के दाह संस्कार के दौरान उनके पति ने भी अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी। इस कर देने की  कुप्रथा को महान शासन टीपूँ सुल्तान ने बन्द करवा दिया था। ये जाति धर्म के गलत बंधनों की ऐसी कहानी है जिसको धर्म व जातिवाद के कुछ ठेकेदार आज भी हवा दे रहे है। जब देश 21वीं सदी में है।