आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल नहीं रख पाते। पुराने वक़्त में जब ज्यादा सुविधाएं नहीं होती थी तो लोग ज्यादा स्वस्थ रहते थे। इसका एक मुख्य कारण है कि उन लोगों ने आरामदायक वक़्त नहीं देखा। यानी उस वक़्त सब चीज़ें अपनी बनाई या फिर नेचुरल होती थी। लेकिन आज आरामदायक जिंदगी के साथ मानव शरीर को कई तरह के घाटे का सामना भी करना पड़ रहा है। शायद इन्हीं में से एक हैं आरामदायक बेड… तो क्या आप जानते हैं कि पहले लोग जमीन पर सोते थे जिसके कई तरह के फायदे हमारे शरीर को मिलते थे। आइये जानते हैं…
जमीन पर सोने के फायदें…
- रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखता है- जब आप जमीन पर सोते हैं तो रीढ़ की हड्डी अकड़ती नहीं है। वहीं जब आप बिस्तर पर सोते हैं रीढ़ की हड्डी अक्सर अकड़ जाती है, जिसका असर सीधा सीधा मस्तिष्क पर पड़ता है। दरअसल रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है और वह सीधा मस्तिष्क से कनेक्टेड होती है, ऐसे में जमीन पर सोना लाभदायक हो सकता है।
- मांसपेशियों को रखता है स्वस्थ- दरअसल जमीन पर सोने से कंधे और कूल्हे की मांसपेशियों को बेहद्द आराम मिलता है और मांसपेशियों के कारण ही अक्सर पीठ दर्द, कन्धा दर्द, गर्दन दर्द आदि की समस्याएं होती है। ऐसे में मांसपेशियों को आराम देना सबसे ज्यादा अनिवार्य है।
- पीठ दर्द को देता है राहत- जब आप जमीन पर सोते है तो सबसे पहला फायदा पीठ को होता है क्योंकि पीठ को जमीन पर ही राहत मिलती है।
- शरीर का तापमान रहता है कम- जब आप बिस्तर पर सोते है तो शरीर की गर्मी बढ़ जाती है जिस वजह से शरीर का तापमान भी बढ़ने लगते है। वही दूसरी ओर जमीन पर सोने से शरीर में ठंडक महसूस होती है, जिस वजह से शरीर का तापमान सही रहता है।
- ब्लड सर्कुलेशन रहता है कंट्रोल- जमीन पर सोने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिस वजह से मांसपेशियों को बेहद आराम मिलता है।
- तनाव होता है कम- जमीन पर सोने से मस्तिष्क को मिलती है शांति जो तनाव को अपने आप कम कर देता है।
इन चीज़ों का रखें ख्याल…
जमीन पर सोने के लिए एक पतली चटाई का इस्तेमाल करें और यदि आपको बहुत ज्यादा असुविधा महसूस हो रही है तो चटाई पर पतला सा गद्दा बिछा लें, क्योंकि इससे हड्डियों का एलाइनमेंट सही रहता है। इसके साथ ही नरम गद्दे का इस्तेमाल न करें, क्योकि उससे धीरे-धीरे शरीर के कुछ अंगों में दर्द सा महसूस होने लगता है।
NOTE: मीडिया रिपोर्ट पर आधारित