Follow Us:

आयुर्वेद में तुलसी को माना जाता है रोग नाशक, जानिए इसके फायदे

समाचार फर्स्ट डेस्क |

आयुर्वेद में तुलसी को रोग नाशक जड़ी-बूटी माना जाता है। तुलसी को कई बीमारियों में दवा की तरह इस्तेमाल करने के साथ स्किन इन्फेक्शन में भी तुलसी की पत्तियों को इलाज किया जाता है। तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व तुलसी की पत्तियों में विटामिन और खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इसमें मुख्य रूप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक और आयरन आदि पाए जाते हैं। इसके साथ ही तुलसी में सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड पाया जाता है।

तुलसी पिंपल्स और एक्ने पर भी काम करता है। तुलसी रक्त में से टॉक्सिन्स और अशुद्धि हटा कर उसे साफ़ करने का काम करता है। इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो एक्ने को कम करता है। आप इसके लिए तुलसी पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसमें गुलाबजल मिलाएं और 10 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर सादे पानी से धो लें।

तो जानिए तुलसी के फायदेः
1 खांसी या गला बैठने पर तुलसी की जड़ सुपारी की तरह चूसी जाती है।
2 श्वास रोगों में तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ सुपारी की तरह मुंह में रखने से आराम मिलता है।
3 तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेंक कर नमक के साथ खाने से खांसी तथा गला बैठना ठीक हो जाता है।
4 तुलसी के पत्तों के साथ 4 भुनी लौंग चबाने से खांसी जाती है।
5 खांसी-जुकाम में – तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से तैयार की हुई चाय पीने से तुरंत लाभ पहुंचता है।
6 10-12 तुलसी के पत्ते तथा 8-10 काली मिर्च के चाय बनाकर पीने से खांसी जुकाम, बुखार ठीक होता है।
7 फेफड़ों में खरखराहट की आवाज़ आने व खांसी होने पर तुलसी की सूखी पत्तियां 4 ग्राम मिश्री के साथ देते हैं।
8 काली तुलसी का स्वरस लगभग डेढ़ चम्मच काली मिर्च के साथ देने से खाँसी एकदम शान्त होती है।
9 10 ग्राम तुलसी के रस को 5 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से हिचकी, अस्थमा एवं श्वांस रोगों को ठीक किया जा सकता है।